SIR पर भड़की ममता: चुनाव आयोग को दे डाली अंतरआत्‍मा की आवाज सुनने की नसीहत

1 hour ago

Last Updated:November 19, 2025, 15:43 IST

Mamata Banerjee on SIR: ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग करते हुए दावा किया है कि इसकी वजह से अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है. जलपाईगुड़ी में एक BLO की आत्महत्या का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग तीन साल का काम दो महीने में निपटाने का दबाव डाल रहा है, जिससे कर्मचारियों पर असहनीय तनाव बढ़ गया है.

 चुनाव आयोग को दे डाली अंतरआत्‍मा की आवाज सुनने की नसीहतममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की.

कमलिका

नई दिल्‍ली. सीएम ममता बनर्जी ने बंगाल में जारी चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला. ममता बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर के दौरान अबतक बंगाल में 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ममता ने चुनाव आयोग के एसआईआर का कड़ा विरोध जताते हुए जलपाईगुड़ी में शांति मुनि एक्का नामक बूथ स्तर की अधिकारी (BLO) की आत्महत्या का जिक्र किया. उन्होंने इस कदम के पीछे असहनीय दबाव होने की बात कही. ममता ने चुनाव आयोग से अपील की है कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाए ताकि और जानें न जाएं.

‘3 साल का काम 2 महीने में’
ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने तीन साल में होने वाले काम को अब दो महीने में पूरा करने का दबाव BLOs पर डाल दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का अमानवीय दबाव न केवल कर्मचारियों की मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी चिंताजनक है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कुछ मौतें डर और अनिश्चितता के कारण हुईं जबकि अन्य तनाव और ओवरलोड का नतीजा थीं.

चुनाव आयोग अंतरात्मा की आवाज सुने
राजनीतिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है. सभी BLO की जिम्मेदारियों में लगातार बढ़ती जटिलता और चुनावी प्रक्रियाओं का समय-संगठन विशेष रूप से SIR के तहत अक्सर स्थानीय अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव डालता है. मुख्यमंत्री ने अपनी अपील में चुनाव आयोग को अंतरात्मा की आवाज सुनने और तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस कथित अनियोजित और जल्दबाजी वाले अभियान को रोका नहीं गया तो और भी जानें जा सकती हैं. इस कदम से चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है.

मतुआ बहुल क्षेत्रों में SIR से सहमे लोग
उधर, ठाकुरनगर और बोंगांव के मतुआ बहुल इलाकों में SIR प्रक्रिया ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. न्‍यूज18 इंडिया की ग्राउंड रिपोर्ट में पाया गया कि कई परिवारों के पास 2002 के दस्तावेज नहीं हैं, जबकि CAA आवेदन भी इस प्रक्रिया में मान्य नहीं माना जा रहा. इससे हजारों लोगों को डर है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है. TMC का आरोप है कि बड़ी संख्या में मतुआ मतदाता प्रभावित होंगे, जबकि BJP CAA सहायता शिविरों के जरिए आश्वस्त कर रही है कि हिंदू शरणार्थियों की नागरिकता और मतदान अधिकार सुरक्षित रहेंगे. चुनाव आयोग की स्पष्टता के अभाव ने समुदाय में असुरक्षा और संशय और बढ़ा दिया है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

November 19, 2025, 15:43 IST

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