Geneva nuclear negotiations: ऐसा लग रहा कि ईरान इजरायल युद्ध अचानक अब दूसरी करवट लेने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद यूरोपीय यूनियन के नेता एक्टिव हो गए हैं. उधर खबर है कि ईरान भी अब अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर ईयू की एक टीम के साथ बैठक कर सकता है. वही टीम अमेरिका के साथ भी बातचीत शुरू कर सकती है. अमेरिका यही चाहता भी था. ऐसे में शुक्रवार को जेनेवा में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची से मुलाकात करेंगे.
EU सीधे शामिल नहीं होगा लेकिन..
असल में यूरोपीय मीडिया यूरोन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस अहम बैठक में EU सीधे शामिल नहीं होगा लेकिन वह पर्दे के पीछे से शांति की संभावनाओं को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. EU के विदेश नीति प्रमुख काया कलास की बैठक में मौजूदगी पर अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है. जब यूरोपीय आयोग से इस बारे में पूछा गया तो जवाब मिला कि हम हमेशा संवाद के लिए खुले हैं जब ऐसा कुछ होगा हम जानकारी देंगे.
बैकडोर डिप्लोमेसी के जरिए
हालांकि बातचीत से पहले E3 के मंत्री जेनेवा में जर्मनी के स्थायी मिशन पर कलास से मिल सकते हैं. इस मुलाकात का मकसद कूटनीतिक रणनीति में समन्वय करना है.फिलहाल EU भले ही औपचारिक वार्ता से बाहर हो लेकिन वह अब भी बैकडोर डिप्लोमेसी के जरिए पहल करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में शांति की उम्मीद लगाई जा सकती है.
कार्यक्रम पर नियंत्रण की शर्तें
एक तथ्य यह भी है कि 2015 में हुए परमाणु समझौते में EU की भूमिका ही काफी अहम रही थी. इस समझौते के तहत ईरान को प्रतिबंधों से राहत देने के बदले उसके परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण की शर्तें रखी गई थीं. लेकिन ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने इस समझौते से खुद को अलग कर लिया जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए. अब देखना है कि क्या होने वाला है.