Last Updated:August 10, 2025, 08:45 IST
CM Sukhu News: हिमाचल प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. राज्य में नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसा सुझाव दिया है, जिसने सबके कान खड़े कर ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में जारी खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी हाईकमान को लिखित सुझाव दिया है कि नए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (HPCC) अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आने वाले नेता को दिया जाए. सुक्खू का यह प्रस्ताव राज्य के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. कई राजनीतिक जानकार इसे मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को दरकिनार करने की चाल के रूप में देख रहे है. प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और उनकी राजनीतिक विरासत की मजबूत दावेदार मानी जाती हैं.
सीएम सुक्खू का तर्क है कि हिमाचल की 27% आबादी दलित समुदाय से है और पार्टी को इस वर्ग में अपनी पकड़ मज़बूत करनी चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर हाईकमान चाहे तो यह जिम्मेदारी किसी कैबिनेट मंत्री को भी दी जा सकती है, बशर्ते ‘वन मैन, वन पोस्ट’ सिद्धांत के तहत वह मंत्री पद छोड़ दें.
प्रतिभा सिंह ने भी खींच दी तलवार!
दूसरी ओर, प्रतिभा सिंह ने भी खुलकर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह की राजनीतिक विरासत की अनदेखी पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकती है. उन्होंने चेताया कि पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने बड़े बहुमत से इसी वजह से जीता था.
प्रतिभा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राज्य की आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज भी वीरभद्र सिंह की विरासत के साथ मजबूती से खड़ा है, और इसकी किसी भी तरह की उपेक्षा राज्य में पार्टी के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है.’ वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व को ‘हिमाचल प्रदेश की वास्तविक राजनीतिक स्थिति’ से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा, ‘अब पार्टी आलाकमान को ही फ़ैसला लेना है. संगठन (एचपीसीसी) के गठन को लेकर शीर्ष नेतृत्व के साथ खुली चर्चा हुई है.’
सुक्खू सरकार के कामकाज से नाराजगी!
इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली में पार्टी हाईकमान के साथ हुई बैठकों में कुछ मंत्रियों ने सुक्खू सरकार के कामकाज पर असंतोष भी जताया. वहीं, संगठन की निचली इकाइयों यानी ब्लॉक और जिला स्तर की कमेटियों के लंबे समय से भंग रहने को लेकर कार्यकर्ताओं में असमंजस है.
वैसे भी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पार्टी के भीतर दो धड़े साफ खुलकर सामने आ गए हैं. यहां सुक्खू समर्थक और प्रतिभा समर्थक अब नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं. दिलचस्प यह है कि दोनों ही खेमों ने दलित समुदाय से आने वाले दो विधायकों के नाम सुझाए हैं, जिससे जातीय समीकरण साधने के साथ-साथ संगठनात्मक स्थिरता लाने की कोशिश साफ झलक रही है.
अब सबकी निगाहें कांग्रेस हाईकमान पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि सुक्खू अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को किनारे करने में सफल होते हैं या नहीं और क्या इस कदम से हिमाचल की कांग्रेस सरकार व संगठन में स्थिरता लौट पाएगी.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 10, 2025, 08:45 IST