Last Updated:May 08, 2025, 17:50 IST
Dabur Product : डाबर ने अपने कई उत्पादों की बिक्री और प्रोडक्शन को बंद करने का फैसला किया है. कंपनी के सीईओ ने बताया कि इन उत्पादों की राजस्व में हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम रह गई है और इससे मुनाफा भी नहीं...और पढ़ें

डाबर ने अपने तीन प्रोडक्ट बंद करने का फैसला किया है.
हाइलाइट्स
डाबर ने कई उत्पादों का उत्पादन बंद करने का फैसला किया.चाय, बच्चों और बूढ़ों के डायपर, सैनिटाइजिंग उत्पाद बंद होंगे.कमाई में 1% से कम हिस्सेदारी के कारण उत्पाद बंद किए जा रहे हैं.नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शुमार डाबर ने अपने कई प्रोडक्ट की बिक्री बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने गुरुवार को बताया कि इन प्रोडक्ट का उत्पादन बंद कर दिया जाएगा. कंपनी का मानना है कि इन प्रोडक्ट को ग्राहक ज्यादा पसंद नहीं करते हैं और यही वजह है कि इनका उत्पादन घाटे में जा रहा है. लिहाजा अब इसका उत्पादन बंद कर दिया जाएगा और आने वाले समय में इसकी बिक्री भी समाप्त हो जाएगी.
डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने बताया कि कंपनी ने खराब प्रदर्शन को देखते हुए चाय, बच्चों और बूढ़ों के डायपर व सैनिटाइजिंग उत्पादों की बिक्री बंद करेगी. तिमाही दर तिमाही खराब प्रदर्शन कर रहे उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने की पहल के तहत कंपनी चाय, बुजुर्गों एवं बच्चों के डायपर और सैनिटाइजिंग श्रेणियों से बाहर होने जा रही है. इसका मतलब है कि अब इन उत्पादों को बाजार से बाहर कर दिया जाएगा.
कंपनी का लक्ष्य मुनाफा बढ़ाना
मोहित ने बताया कि कंपनी ने वित्तवर्ष 2027-28 तक राजस्व एवं मुनाफे में दहाई अंक की सालाना वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए अपनी रणनीति पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, जो इसकी मुख्य ताकत पर आधारित है. उन्होंने तिमाही नतीजों पर चर्चा के दौरान कहा कि डाबर बड़े दांव पर पूंजी लगाने के लिए कम प्रदर्शन करने वाले उत्पादों को हटाने की तैयारी कर रही है. यही वजह है कि कंपनी के वैदिक चाय, वयस्क और शिशु डायपर और डाबर वीटा जैसे प्रोडक्ट को अब बंद किया जाएगा.
कमाई में बेहद कम हिस्सेदारी
डाबर के सीईओ ने बताया कि इन उत्पादों का कुल बिजनेस में योगदान 1 फीसदी से भी कम हो गया है. जाहिर है कि ये प्रोडक्ट किसी भी तरह से फायदे का सौदा नहीं रहे. वित्तवर्ष 2024-25 में कंपनी का कुल राजस्व 13,113.19 करोड़ रुपये था. लिहाजा अब हम इन श्रेणियों से बाहर निकलेंगे और उन बड़े खंडों में हिस्सेदारी पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो हमारे मुनाफे को बढ़ाते हैं. हम अपने मुख्य पोर्टफोलियो पर निवेश करेंगे.
8 फीसदी से ज्यादा गिरा मुनाफा
डाबर ने एक दिन पहले ही अपने मार्च तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं. कंपनी ने बताया कि जनवरी-मार्च तिमाही में उसका मुनाफा 8 फीसदी से भी ज्यादा गिर गया है. उसकी कमाई अनुमान से भी कम रही और मार्च तिमाही में शुद्ध मुनाफा 8.4 फीसदी गिरकर 320 करोड़ रुपये रहा है. ब्लूमबर्ग ने मार्च तिमाही में डाबर को 324 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था. हालांकि, आखिरी तिमाही में कंपनी का राजस्व मामूली रूप से बढ़कर 2,830 करोड़ रुपये पहुंच गया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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