Bangladesh: पिछले साल अगस्त महीने में बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलों में लगातार इजाफा हो रहा है. उनके ऊपर अब तक करीब 200 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. इन्हीं में से एक मामले में अवामी लीग की नेता को मुजरिम करार दिया गया है. बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को देश की पूर्व पीएम शेख हसीना को अवमानना के मामले में छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई. यह फ़ैसला अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सुनाया.
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, हसीना की सजा का फैसला इंरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-1 की तीन सदस्यीय बेंच द्वारा किया गया, जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार थे. हसीना के साथ ही न्यायाधिकरण ने गैबांधा के गोविंदगंज निवासी शकील अकंद बुलबुल को भी इसी अवमानना फैसले के तहत दो महीने की जेल की सजा सुनाई है. बुलबुल ढाका की एक सियासी हस्ती हैं और अवामी लीग की स्टूडेंट शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) से जुड़ी हुई थीं.
'227 लोगों को मारने का लाइसेंस'
शेख हसीना के खिलाफ अवमानना का मामला पिछले साल अक्टूबर में शकील अकंद बुलबुल के साथ उनकी कथित रूप से लीक हुई फोन कॉल पर केंद्रित है. उस ऑडियो में, हसीना के रूप में पहचानी गई आवाज़ कथित तौर पर कह रही थी, 'मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज किए गए हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है.'
रिपोर्टों के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि यह बयान अदालत की अवमानना के समान है, क्योंकि इससे न्यायिक प्रक्रिया को खतरा पैदा हो गया है. पड़ोसी देश में पिछले साल हुए व्यापक विद्रोह से संबंधित युद्ध अपराध के मुकदमों में शामिल लोगों को डराने की कोशिश की गई है. पद से हटाये जाने के बाद 11 महीने पहले भारत में निर्वासन में जाने के बाद यह पहली बार है कि अपदस्थ अवामी लीग प्रमुख को किसी मामले में मुजरिम करार दिया गया है.
भारत में रह रहीं शेख हसीना
हालांकि, अपदस्थ पीएम शेख हसीना से पिछले ग्यारह महीने से भारत में रह रही हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब वो भारत में हैं तो उन्हें ये सजा कैसे मिलेगी? शेख हसीना के मामले पर अंतराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है. वहीं, भारत की तरफ से इस मामले पर अब तक कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है. वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेख हसीना के खिलाफ ये फैसला भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर भी असर डाल सकता है. जबकि यह सजा शेख हसीना के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है.