जब खुद बैल बन हल खींचने लगा किसान, सामने आई दिल तोड़ने वाली कहानी

9 hours ago

Last Updated:July 02, 2025, 23:26 IST

महाराष्ट्र के लातूर में एक किसान बैल की जगह खुद ही हल खींचने लगा. इसका एक वीडियो वायरल होने के बाद दिल को तोड़ने वाली दास्तान सामने आई.

जब खुद बैल बन हल खींचने लगा किसान, सामने आई दिल तोड़ने वाली कहानी

महाराष्ट्र में एक किसान खुद बैल की जगह हल खींचने लगा. (Image:X)

लातूर. महाराष्ट्र के लातूर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर करके रख दिया है. एक 65 साल के किसान, जो बैल या ट्रैक्टर खरीदने में असमर्थ हैं, सूखे से प्रभावित इलाके में अपनी जमीन जोतने के लिए खुद को पारंपरिक हल में बैल की जगह जोत देते हैं. सरकार और राजनीतिक नेता खेती को आधुनिक बनाने और हर साल कर्ज माफी का वादा करते रहते हैं, लेकिन अंबादास गोविंद पवार जैसे किसानों के लिए ये आश्वासन केवल कागजों पर ही रह जाते हैं.

हडोअल्टी गांव के किसान पवार अपनी जमीन जोतने के लिए खुद को पारंपरिक हल में जोतते हैं, क्योंकि वे बैल या ट्रैक्टर खरीदने में असमर्थ हैं. पवार के पास केवल 2.5 एकड़ सूखी जमीन है. पिछले सात-आठ सालों से वो इस कठिन काम में लगे हुए हैं. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पवार थके हुए नजर आते हैं. वो अपनी पत्नी के साथ सूखी जमीन पर हल खींचते हैं.

65 साल के पवार का बेटा पुणे में छोटे-मोटे काम करता है और बेटी की शादी हो चुकी है. वो कहते हैं कि ‘मैं रुक नहीं सकता. मेरे हाथ कांपते हैं, मेरे पैर वजन के नीचे झुक जाते हैं, और कभी-कभी मेरी गर्दन थक जाती है, लेकिन जिंदगी ने हमें कोई विकल्प नहीं दिया है.’ बैल या ट्रैक्टर किराए पर लेने के लिए लगभग 2,500 रुपये रोजाना खर्च होता है, जो पवार और उनकी 60 वर्षीय पत्नी के लिए असंभव है.

इस जोड़ी ने अपनी बहू और दो पोते-पोतियों के लिए इस कठिन काम को करने के लिए शारीरिक थकान और उम्र से संबंधित सीमाओं का सामना किया है. जमीन की तैयारी, बीज, खाद और जोतने की लागत किसानों के लिए बहुत महंगी हो गई है, जो एक कठोर सच्चाई है. जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें

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Location :

Latur,Maharashtra

homenation

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