Digital arrest in US: अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर पढ़ने गई भारतीय लड़की को कुछ जालसाजों ने इमिग्रेशन और कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) अधिकारी बनकर डराते हुए लाखों की चपत लगा दी. चार सौ बीसी का ये मामला ट्रंप के कार्यकाल में तेजी से जारी प्रवर्तन कार्रवाई और अवैध अप्रवासियों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों के बीच सामने आया. न्यूज़वीक की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रेया बेदी इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन में F-1 वीज़ा पर अमेरिका पहुंची थीं. 29 मई को उनके पास एक फोन आया, कॉल में नाम और पहचान सुनिश्चित कराने के बाद उसे इमिग्रेशन कानून का हवाला देते हुए डराया गया कि वो कानून का उल्लंघन कर रही हैं इसलिए गिरफ्तार किया जा सकता है.
डिजिटल अरेस्ट के दौरान रोई
गिरफ़्तारी और निर्वासन से बचने के लिए उन्हें 4,50,000 रुपये यानी करीब 5000 डॉलर से ज्यादा के बॉन्ड का गिफ्ट कार्ड खरीदने का दबाव डाला गया. कॉल कट होने के बाद डिज़ाइनर बेदी परेशान हो गई. उसने खुद को सुरक्षित करने के लिए बड़ा फैसला लिया. मामले का खुलासा होने ने बाद बेदी ने कहा, 'मैं पूरी तरह डरी थी और घंटों रोती रही. अमेरिका में ये कथित ICE एजेंट डिजिटल अरेस्ट का मामला था जिसमें एक भारतीय छात्रा को धोखाधड़ी का शिकार बना लिया गया. फर्जी अफसर ने कहा, आपने अपना आव्रजन नंबर नहीं बताया आप देश के आव्रजन कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं. उसने अपना नाम और बैज नंबर देते हुए कहा कि आप ice.gov पर जाकर मैरीलैंड स्थित कार्यालय से उनकी पहचान की पुष्टि कर सकती हैं.
अमेरिका में लगी पांच लाख की चपल
डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के एक सामान्य तरीके की तरह कॉलर ने बेदी से कहा, वो फोन नहीं काट सकती या किसी से संपर्क नहीं कर सकती. आपका फोन सर्विलांस में है. उसके दूसरे फोन पर एक और कॉल आती है जिसमें दूसरा घोटालेबाज बेदी को एक फर्जी नंबर से कॉल करके ओलंपिया पुलिस का स्टाफ बताता है. दूसरे कॉलर ने उसे बताया कि जब तक ICE पुष्टि नहीं करता कि उसके मामले की जांच चल रही है, तब तक उसकी गिरफ्तारी का वारंट एक्टिव रहेगा.
ऐसे की आखिरी चोट
घोटालेबाजों ने बेदी को टारगेट और एप्पल से $5,000 मूल्य के उपहार कार्ड खरीदने के लिए कहा और उसे फोन पर कोड साझा करने का निर्देश दिया. श्रेया बेदी गोफंडमी पर अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए फंड जुटा रही हैं और उन्होंने अन्य छात्रों को भी इस जाल में न फंसने की चेतावनी दी है.
अमेरिकी अप्रवासनन अधिकारियों ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा, 'एजेंसी का नाम खराब करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा. ये खतरनाक और अवैध है. संघीय स्तर पर ऐसे लोगों को बख्सा नहीं जाएगा. ट्रंप प्रशासन ने विभाग से संबंधित जानकारी भी साझा की है ताकि कोई और इन घोटालेबाजों का शिकार न हो सके.