अश्विनी रडार के सामने होंगे चीन-पाक के एयर अटैक बेकार, IAF को मिलेंगे नए रडार

5 hours ago

Last Updated:March 12, 2025, 19:12 IST

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अश्विनी रडार के सामने होंगे चीन-पाक के एयर अटैक बेकार, IAF को मिलेंगे नए रडार

भारतीय वायुसेना के लिए नए रडार....

हाइलाइट्स

भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 2,906 करोड़ रुपये के नए रडार.अश्विनी रडार दुश्मन के फाइटर, ड्रोन, मिसाइल को ट्रैक कर सकता है.रडार की रेंज 200 किलोमीटर और ऊंचाई 30 मीटर से 15 किलोमीटर तक है.

RADAR FOR IAF: देश के एयर डिफेंस की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना के पास है. कई लेयर की सुरक्षा ग्रिड भारतीय सीमाओं पर की गई है. हर तरह रडार भारतीय वायुसेना के पास है.  इनमें लॉंग रेंज रडार, मिडियम रेंज रडार और शॉर्ट रेंज रडार शामिल है. इन रडार की डिप्लॉयमेंट इस तरह के की गई है कि दुशमन की हरकर इससे छिप नहीं सकती.  जो कि बिना किसी ब्रेक के चौबीसों घंटे एक्टिव रहते है. अब भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय ने लो लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार की खरीद के लिए करार किया है. 12 मार्च को दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ 2,906 करोड़ की डिल पर दस्तखत किए गए हैं. यह रडार DRDO ने विकसित किया है.

क्या खासियत है इस रडार की?
LLTR (अश्विनी) एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक फेज़्ड एरे मल्टीफंशन रडार है. इस राडार से किसी भी दुशमन के फाइटर को ट्रैक किया जा सकता है. हाई स्पीड वाले ड्रोन, मिसाइल के साथ धीमी गति से आने वाले हेलिकॉप्टर इस रडार से बच नहीं सकता. इसकी रेंज 200 किलोमीटर की है. यह 30 मीटर से 15 किलोमीटर की उंचाई तक के इलाके को स्कैन कर सकता है. खास बात यह है इस रडार में इंटीग्रेटेड आईडेंटिफिकेशन फ्रेंड ऑर फो यानी की अपने और दुशमन के एयरक्राफ्ट की पहचान कर सकता है. यह मोबाइल रडार एडवांस इलेक्ट्रोनिक काउंटरमेजर खूबी से लेस है. इस रडार को किसी भी ‘टेरेन के वॉर जोन में तैनात किया जा सकता है. यह -20 डिग्री से 55 डिग्री के तापमान में आसानी से ऑपरेट कर सकता है.

कैसे काम करता है ऐरे रडार और डिजिटल बीमिंग फॉरेमेशन?
ऐरे रडार की मतलब है की कई सारे छोटे छोटे और अलग अलग एंटीना से मिलकर एक बडे एंटीने की तरह एक साथ काम करना. यह एक रिसीवर या ट्रांसमीटर से जुड़ा होता है. जब भी इस रडार को ऑन किया जाता है तो एक वेव फ्रंट बनाते हैं. चूकी एक एंटीना से निकलने वाली रेडियो तरंगें गोलाकर होती है और जब कई एंटिना एक साथ काम करते है तो उनकी रेडियो तरंगें एक दूसरे पर सुपरइंपोज होकर एक सीधी लाईन बना देते हैं. जिस ओर तरफ एंटीना को तैनात किया गया होता है वह पूरा इलाका सिक्योर हो जाता है. जैसे ही दुश्मन का कोई एयरक्राफ्ट या एरियल अटैक उस वेव फ्रंट को पार करता है तो उसकी हर जानाकरी वो ट्रांसमीटर से जुड़े कंप्यूटर तक पहुंच जाती है. यह रडार सिस्टम ट्रक के उपर तैनात है. इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. बीमफॉर्मिंग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक है जो वायरलेस सिग्नल को किसी खास रिसीविंग डिवाइस की ओर भेजने और फोकस करने के लिए कई एंटेना का इस्तेमाल करती है. यह एक ओमनीडायरेक्शनल सिग्नल की तुलना में यह ज्यादा भरोसेमंद डेटा ट्रांसफ़र को सक्षम बनाता है.

First Published :

March 12, 2025, 19:05 IST

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