नई दिल्ली. एसएमई आईपीओ को लेकर पहली बार सेबी और वित्त मंत्रालय व अन्य विभागों के पास शिकायतें पहुंचनी शुरू हो रही हैं. हाल में सेबी ने कई बार इस एक्सचेंज के इश्यू में मिल रहे भारी भरकम सब्सक्रिप्शन को लेकर चिंता जताई थी. अब एक ऐसी कंपनी के खिलाफ सेबी और वित्त मंत्रालय के पास शिकायत पहुंची है, जो कई तरह की जानकारियां छिपा रही है. साथ ही सेबी से बिना मंजूरी मिले इसके इश्यू प्राइस, साइज और आईपीओ की तारीखों को बाजार में घुमाया जा रहा है.
तीन साल पुरानी कंपनी रोसमारटा डिजिटल सर्विसेज के प्रमोटरों के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), वित्त मंत्रालय सहित सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय तक से शिकायत की गई है. कंपनी एसएमई आईपीओ से 200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अगले हफ्ते बाजार में उतरने वाली है. कंपनी के प्रमोटरों कार्तिक विवेक नागपाल, करण विवेक नागपाल और ट्रस्ट प्रमोटर आरती नागपाल व अन्य अज्ञात व्यक्तियों पर डीआरएचपी में महत्वपूर्ण तथ्यों व जानकारी को जानबूझकर छिपाने और गलत वित्तीय आंकड़े देने का आरोप है.
निवेशक ने क्या लगाए आरोप
प्रमोटरों के पिता विवेक नागपाल पर आरोप है कि वे पूंजी बाजार में हेरफेर, इंसाइडर ट्रेडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग सहित अन्य संगठित अपराध में शामिल थे और आज भी कई माध्यम से सक्रिय हैं. मुंबई के निवेशक रोहित विजय निर्मल ने आरोपी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. कंपनी ने महत्वपूर्ण तथ्यों को जानबूझकर दबाने और व्यावसायिक गतिविधियों और हितों के बारे में सामग्री की जानकारी छिपाई व झूठी और गलत जानकारी दी है.
पहले भी लगे हैं आरोप
विवेक नागपाल के खिलाफ पहले भी हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग, बैंकों से ली गई कर्ज राशि की हेराफेरी और अन्य संगठित वित्तीय अपराध की गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत है. रोसमारटा के खिलाफ काफी मामले लंबित हैं जिसमें करोड़ों की फर्जी बैंक गारंटी भी शामिल है. विवेक नागपाल पर संयुक्त संसदीय रिपोर्ट के अनुसार 2001 में शेयर बाजार के घोटालेबाज केतन पारेख और अन्य के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए मुकदमा चलाया गया था और दोषी ठहराया गया था.
5 साल का था लगा था बैन
विवेक नागपाल को सेबी ने प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से भी पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. रोसमारटा डिजिटल, रोसमारटा समूह का हिस्सा है और विवेक नागपाल रोसमारटा के तहत विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हुए हैं. पिछले कुछ वर्षों में उन्हें कई विवादों और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. डीआरएचपी के पेज 75 के मुताबिक, रीना राय को तीन मार्च, 2021 से 30 मार्च, 2024 के बीच आरडीएसएल के 30,000 इक्विटी शेयर जारी किए गए थे. रीना ‘रेबा सिक्योरिटी सॉल्यूशंस की पूर्व निदेशक भी हैं. रीना अभी रेबा एंड संस एलएलपी और रेबा इंडस्ट्रीज एलएलपी में नामित पार्टनर हैं. इन सभी का एक ही पंजीकृत पता है जो सेक्टर 18, गुरुग्राम में है. रेबा सिक्योरिटी आरडीएसएल के प्रमोटर समूह का हिस्सा है.
सेबी से नहीं मिली मंजूरी
दिलचस्प यह है कि अभी तक सेबी से इस आईपीओ को मंजूरी नहीं मिली है, फिर भी इसका प्राइस बैंड, लॉट साइज और एंकर बिडिंग (14 नवंबर, 2024), इश्यू ओपनिंग (18 नवंबर, 2024) और इश्यू क्लोजिंग (21 नवंबर, 2024) की सूचनाएं बाजार में घूम रही हैं. कंपनी ने वेबसाइट पर भी जानकारी दे दी है. रोसमारटा का राजस्व और लाभ देखें तो अचानक उछल गया है. 31 मार्च, 2022 को इसका राजस्व 20 लाख रुपये और घाटा तीन लाख रुपये था. इस साल 31 मार्च 2023 को अचानक राजस्व 84 करोड़ रुपये और फायदा 10.56 करोड़ रुपये हो गया. सितंबर तिमाही में तो फायदा 14.83 करोड़ के पार चला गया है.
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FIRST PUBLISHED :
November 11, 2024, 11:45 IST