नई दिल्ली. संपत्तियों के बाजार में खरीदारों और निवेशकों का एक वर्ग ऐसा भी है जो निर्माणाधीन अर्थात अंडर कंस्ट्रक्शन संपत्तियों के बजाय इस्तेमाल के लिए यानी रेडी टु मूव संपत्तियों को ज्यादा पसंद करता है. इसके पीछे दो मुख्य वजहें हैं, पहला यह कि ऐसी संपत्ति को उसका खरीदार पहले ही दिन से खुद इस्तेमाल कर सकता है या फिर उसे किराये पर चढ़ाकर प्रतिमाह लाभ कमा सकता है. रेडी टू मूव प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों को उसके कब्जे के लिए परेशान नहीं होना पड़ता और न ही प्रोजेक्ट के डिले होने का सामना करना पड़ता है.
प्रॉपर्टी मामलों के जानकार प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि ऐसी संपत्ति खरीदने के अपने कुछ फायदे हैं. इसके बावजूद अगर आप ऐसी किसी संपत्ति को खरीदने के लिए बढ़ रहे हैं तो कुछ पहलुओं का ध्यान रखना आवश्यक है. बिना इन बातों की जांच-परख किए रेडी टूव मूव प्रॉपर्टी खरीदना अंधेरे में हाथ मारने जैसा होगा, जिसमें अगर आप चूक गए तो बाद में हाथ मलते रह जाओगे.
टाइटल जरूर चेक करें
टाइटल सर्च का अर्थ उस संपत्ति के स्वामित्व से है. कोई संपत्ति खुद नहीं कहती कि उसका स्वामी या मालिक कौन है. इसकी जानकारी सिर्फ उसके कागजों से मिलती है. अगर आप भी ऐसी संपत्ति खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले रेवेन्यू ऑफिस जाकर उस संपत्ति के मालिक का पता करें, क्योंकि किसी भी निवेश से पहले यह परख लेना अत्यंत आवश्यक है कि आप जिससे वह संपत्ति ले रहे हैं, वही उसका वास्तविक स्वामी है. अक्सर ऐसा फर्जीवाड़ा होता है कि संपत्ति का मालिक कोई अन्य होता है, जबकि उसकी बिक्री कोई दूसरा कर देता है.
संपत्ति की उम्र और गुणवत्ता
टाइटल की सही-सही जानकारी पता करने के बाद आपको यह जानना चाहिये कि जो संपत्ति आप खरीद रहे हैं, वह कितने साल पहले बनी थी. साथ ही उसके निर्माण की गुणवत्ता कैसी है. यह याद रखें कि अच्छी गुणवत्ता वाली संपत्तियों की उम्र सामान्य तौर पर 70 से 80 वर्षों की मानी जाती है. साथ ही जिस संपत्ति का निर्माण जितना पुराना होगा उसकी कीमत नई निर्मित संपत्तियों की तुलना में कम ही रहेगी. गुणवत्ता की जानकारी उस क्षेत्र विशेष के प्रॉपर्टी डीलरों से हासिल की जा सकती है. आप स्ट्रक्चरल इंजीनियर की सहायता भी ले सकते हैं.
आय एवं जीवन स्तर
आप किस आय वर्ग से संबंधित संपत्ति ले रहे हैं और आपकी संभावित संपत्ति के आसपास किस आय वर्ग के लोग रहते हैं, इस बारे में भी जानकारी जरूर जुटाएं. आय वर्ग के लिहाज से एक कमरे वाली संपत्तियों को जनता या फिर स्टूडियो, दो कमरे वाली को लोअर इनकम ग्रुप, तीन कमरे मिडिल इनकम जबकि चार कमरों वाली संपत्तियों को हायर इनकम ग्रुप में विभाजित किया जा सकता है. अगर आप तीन या चार कमरे वाली संपत्ति ले रहे हैं और उस जगह पर एक और दो कमरों वाली संपत्तियों की अधिकता हो तो संभव है कि भविष्य में आपका उस जगह अपना रहन-सहन पसंद न आए यानी आपके स्टैंडर्ड के लोग आपके आसपास न रहते हों.
खरीदारी और सुविधाएं भी देखें
आप जहां संपत्ति ले रहे हैं, वहां आपको दूध, ब्रेड, सब्जी, कामचलाने भर का राशन जैसी चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी या नहीं इसकी परख भी जरूरी है. आम तौर पर अथॉरिटीज और बिल्डर्स अपनी परियोजनाओं में कन्वीनियंट शॉपिंग का प्रावधान जरूर रखते हैं. जहां से आप दिन-प्रतिदिन काम आने वाली चीजें खरीद सकते हैं. इस सुविधा के अभाव में ऐसी जरूरतें पूरी करने के लिए कई किलोमीटर की दूरी भी तय करनी पड़ सकती है.
वेल्फेयर एसोसिएशन है या नहीं
आप जहां संपत्ति ले रहे हैं क्या वहां रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन गठित हो चुकी है या नहीं इसकी जानकारी भी लें. यदि एसोसिएशन का गठन हो गया हो तो उसके सदस्यों से भी जरूर मिलें और उस क्षेत्र की खूबियों व खामियों पर विमर्श करें. वेल्फेयर एसोसिएशन कॉमन स्पेस की साफ-सफाई, हरियाली, बिजली-पानी की सुविधाओं को लेकर कितनी मुखर है, इस बारे में आप वहां रहने वाले लोगों से जान सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 21:19 IST