Last Updated:December 30, 2025, 06:16 IST
Sugar Production : देश में चीनी के उत्पादन और खपत का आंकड़ा गड़बड़ा रहा है. उद्योग के संगठन ने चिंता जताई है कि देश में चीनी को हानिकारक उत्पाद माने जाने की वजह से इसकी खपत घट रही, जिसका असर पूरे उद्योग सहित किसान और श्रमिकों पर भी पड़ सकता है.
चीनी की खपत कम होने से उद्योग पर जोखिम बढ़ रहा है. नई दिल्ली. राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल महासंघ (एनएफसीएसएफ) के चेयरमैन हर्षवर्धन पाटिल ने चीनी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए जाने की बढ़ती धारणा पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि यह सोच व्यापक रूप से मजबूत होती है तो इससे चीनी उद्योग को गंभीर नुकसान हो सकता है. इसका असर देश के गन्ना किसानों पर भी दिखेगा, क्योंकि उनके कुल उत्पादन का 80 फीसदी से ज्यादा चीनी बनाने में ही खपत होता है.
पाटिल ने कहा कि उद्योग की लगभग 90 फीसदी कमाई चीनी बिक्री से आती है और ऐसे में मांग पर असर पूरे क्षेत्र के लिए चुनौती बन सकता है. एक कार्यक्रम में पाटिल ने कहा कि कुछ इलाकों में चीनी को सिगरेट पैकेट पर दिए जाने वाले वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियों की तरह ‘स्वास्थ्य के लिए जहर’ के रूप में पेश किया जा रहा है. उन्होंने चेताया कि अगर यह धारणा तेजी से फैलती है तो उद्योग के सामने गंभीर संकट खड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि चीनी से इतर इसके उप-उत्पादों से केवल 10–15 फीसदी कमाई ही होती है, जो राजस्व संतुलन के लिए पर्याप्त नहीं है.
कम हो रही चीनी की खपत
उन्होंने यह भी दावा किया कि वैश्विक स्तर पर चीनी-आधारित पेय पदार्थों की खपत में गिरावट देखी जा रही है. बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बातचीत में यह सामने आया है कि उपभोक्ता अब तेजी से जीरो शुगर और डाइट विकल्पों की तरफ झुक रहे हैं. लोग अब चीनी मिलाए गए पेय खरीदने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता (खासकर मधुमेह रोगियों के बीच) को स्वीकार करते हुए कहा कि इसके उलट चीनी उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जिससे मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हो रहा है. पाटिल ने कहा कि यह स्थिति चीनी मिलों, किसानों और श्रमिकों तीनों के लिए चिंता का विषय है.
भारत में चीनी का कितना उत्पादन
प्रोडक्शन के लिहाज से देखें तो भारत इस मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. ब्राजील के बाद भारत में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन होता है. चूंकि, गन्ने की फसल को नकदी फसल माना जाता है और इसका रखरखाव भी आसान है, लिहाजा किसान इसकी खेती के लिए आसानी से आकर्षित हो जाते हैं. चालू उत्पादन वर्ष में चीनी का कुल प्रोडक्शन 2.8 करोड़ टन होने का अनुमान है. इसमें अगर एथनॉल प्रोडक्शन को भी जोड़ा जाए तो कुल आंकड़ा 3.3 करोड़ टन रहने का अनुमान है.
देश में चीनी की कितनी खपत
उत्पादन के मुकाबले देश में चीनी की खपत लगातार कम हो रही है. चालू चीनी वर्ष में करीब 2.8 करोड़ टन खपत का अनुमान है. वैसे इससे पहले तक चीनी का उत्पादन हमारे खपत के मुकाबले ज्यादा रहता था. इस बार देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक में रेड रॉट रोग की वजह से गन्ने के उत्पादन में कमी आई है. लेकिन, अगले सीजन में इसके 3.5 करोड़ टन उत्पादन रहने का अनुमान है. जाहिर है कि खपत के मुकाबले उत्पादन ज्यादा होने पर इसकी कीमतों पर असर पड़ सकता है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 30, 2025, 06:16 IST

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