Last Updated:June 02, 2025, 17:29 IST
Crypto in ITR : क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले कुछ दिनों में शेयर बाजार और सोने से भी ज्यादा रिटर्न दिया है. अगर आपने भी किसी क्रिप्टो में निवेश किया है तो इसकी जानकारी किस तरह से आईटीआर में देनी है, इसका पता होना ...और पढ़ें

क्रिप्टो को लेकर आईटीआर में नया प्रावधान किया गया है.
हाइलाइट्स
क्रिप्टो निवेशकों को ITR में सही जानकारी देना जरूरी.क्रिप्टो लेनदेन पर 1% टीडीएस लागू.टैक्स न भरने पर सख्त जुर्माने का प्रावधान.नई दिल्ली. जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष खत्म हो रहा है, भारत में क्रिप्टो निवेशक अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं. वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के लिए टैक्स संबंधी नियम अब पूरी तरह स्पष्ट हैं. लिहाजा निवेशकों को सावधानी और सटीकता के साथ नियमों का पालन करते हुए यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. कहने का मतलब यह है कि अगर आपने भी क्रिप्टो में निवेश किया है तो आईटीआर भरते समय इसका खुलासा कैसे करना चाहिए, इसकी सही जानकारी होना बहुत जरूरी है.
क्रिप्टो में निवेश करने वाले यूजर्स के लिए ऐसे एक्सचेंज चुनना महत्वपूर्ण है, जो नियमों का पालन करते हों और जिन्होंने स्वचालित टीडीएस कटौती की सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्स संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए साझेदारी की हो. भारतीय नागरिकों के लिए यह दायित्व भी जरूरी है कि यदि प्लेटफॉर्म क्रिप्टो टीडीएस नहीं काटता, तो यह जिम्मेदारी सीधे निवेशक पर आ जाती है.
ज्यादातर एक्सचेंज काटते हैं टीडीएस
टैक्स से जुड़े कानून का पालन करने के लिए ज्यादातर भारतीय एक्सचेंजों ने विकल्प पेश कर दिए हैं. ये एक्सचेंज ऑटोमैटिक 1% की टीडीएस कटौती करते हैं और इन एक्सचेंजों ने टैक्स समाधान करने वाले फर्म के साथ भी साझेदारी की है. कई प्लेटफॉर्म्स के ऐप्स में क्रिप्टो टैक्स कैलकुलेटर भी हैं, जिससे यूजर्स के लिए अपने लेनदेन को ट्रैक करना, टैक्स देनदारी की गणना करना और आत्मविश्वास के साथ अपनी फाइलिंग पूरी करना आसान हो गया है.
कैसे समझें अपनी टैक्स देनदारी
भारत में वित्तवर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है. अप्रैल, 2022 से, भारत ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के लिए एक निर्धारित टैक्स व्यवस्था लागू की है. आयकर अधिनियम की धारा 115BBH के तहत, वीडीए की बिक्री से होने वाले लाभ पर 30% की एकसमान दर से टैक्स लगाया जाता है, जिसमें कम या लंबे समय में होने वाले लाभ के बीच कोई अंतर नहीं किया जाता. इसके अलावा, लागू होने वाले किसी भी अधिभार (सरचार्ज) और 4% सेस को भी जोड़ा जाता है.
इस पर 1 फीसदी टीडीएस कटता है
इसके अलावा, धारा 194S के तहत, वीडीए के सभी हस्तांतरण पर 1% स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) लागू होता है. यह व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों तरह की क्रिप्टो संपत्तियों से संबंधित लेनदेन पर लागू होता है. यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि टैक्स देनदारी केवल ट्रेडिंग तक सीमित नहीं हैं. माइनिंग, स्टेकिंग, एयरड्रॉप्स, और यहां तक कि क्रिप्टो में प्राप्त सैलरी से होने वाली कमाई भी टैक्स के योग्य है. उदाहरण के लिए, स्टेकिंग पुरस्कारों को कमाई माना जाता है और इन पर व्यक्ति की आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.
सख्त जुर्माने का प्रावधान
आयकर अधिनियम की धारा 271C में संशोधन के जरिये क्रिप्टो लेनदेन पर 1% टीडीएस के गैर-भुगतान के लिए सख्त नियम लागू किए गए. जरूरी टीडीएस काटने या भुगतान करने में विफलता के परिणामस्वरूप बकाया राशि के बराबर जुर्माना लग सकता है. कुछ मामलों में लोगों को छह महीने तक की जेल हो सकती है. देर से भुगतान करने पर प्रतिवर्ष 15% की ब्याज दर लागू हो सकती है.
नए नियम के क्या हैं मायने
CoinDCX के सह-संस्थापक सुमित गुप्ता का कहना है कि ये बदलाव दिखाते हैं कि सरकार भारत में डिजिटल संपत्तियों के लिए एक स्पष्ट और जिम्मेदार ढांचा बनाना चाहती है. निवेशकों और व्यापारियों के लिए यह मौका है कि वे टैक्स की जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करें और क्रिप्टो सिस्टम को और पारदर्शी बनाने में मदद करें. ऐसा होता है कि आने वाले समय में क्रिप्टो से जुड़ी जानकारियां आईटीआर में देना और आसान हो जाएगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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