Last Updated:March 15, 2025, 09:04 IST
Holi 2025: सोलापुर के भोयरे गांव में होली पर लोग पत्थर मारकर खून की होली मनाते हैं. गांववालों का मानना है कि इससे अच्छी बारिश होती है. घायल लोगों की चोट पर देवी का भंडारा लगाया जाता है.

इस गांव में खेली जाती है खून की होली
हाइलाइट्स
भोयरे गांव में पत्थरबाजी से खून की होली मनाई जाती है.गांववालों का मानना है कि इससे अच्छी बारिश होती है.घायल लोगों की चोट पर देवी का भंडारा लगाया जाता है.सोलापुर: महाराष्ट्र समेत पूरे देश में होली का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. जहां एक तरफ पूरे देश में लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली मना रहे हैं, वहीं सोलापुर जिले के मोहोळ तालुका के भोयरे गांव में लोग एक-दूसरे पर पत्थर मारकर होली, यानी खून की होली, मनाते हैं. इस परंपरा के बारे में अधिक जानकारी भोयरे गांव के पूर्व सरपंच बालाजी साठे ने लोकल 18 से बातचीत में दी, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं..
एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी करते हैं
सोलापुर जिले के मोहोल तालुका के भोयरे गांव में खून की होली मनाई जाती है. गांव के लोग दो गुट बनाकर एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी करते हैं. इसमें घायल हुए लोगों को गांव के जगदंबा देवी मंदिर में भंडारा लगाया जाता है. गांववालों का मानना है कि जितने ज्यादा लोग घायल होंगे, उतनी ही अच्छी बारिश होगी.
खड़े लोगों पर पत्थर फेंके जाते हैं
भोयरे के जगदंबा मंदिर ऊंचाई पर स्थित है. इस मंदिर में गांववालों का एक गुट रुकता है, जबकि नीचे गांव के मुख्य चौक में दूसरा गुट खड़ा होता है. नीचे खड़े गुट के लोग ऊंचाई पर स्थित मंदिर के गुट पर पत्थर फेंकते हैं और ऊपर से चौक में खड़े लोगों पर पत्थर फेंके जाते हैं.
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बता दें कि नीचे खड़े लोग अपने ऊपर आने वाले पत्थरों से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस पत्थरबाजी में कुछ लोगों को पत्थर लगते हैं और खून भी निकलता है. तब घायल व्यक्ति को मंदिर में ले जाकर उसकी चोट पर देवी का भंडारा लगाया जाता है. गांववालों का मानना है कि इससे चोट ठीक हो जाती है. मोहोल तालुका के भोयरे गांव की खून की होली देखने के लिए आसपास के गांवों से लोग इकट्ठा होते हैं.
First Published :
March 15, 2025, 09:04 IST