इसरो के रॉकेट्स ने दुनिया भर में मचाया तहलका, 439 मिलियन डॉलर की कमाई!

4 hours ago

Last Updated:March 15, 2025, 18:02 IST

ISRO News: इसरो ने पिछले 10 वर्षों में विदेशी सैटेलाइट लॉन्च से 439 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू कमाया है. 2014 से 34 देशों के सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं. गगनयान मिशन के लिए फंडिंग 20,193 करोड़ रुपये बढ़ाई गई है.

इसरो के रॉकेट्स ने दुनिया भर में मचाया तहलका, 439 मिलियन डॉलर की कमाई!

इसरो ने सबसे ज्यादा अमेरिका के सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

इसरो ने 10 वर्षों में 393 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए.विदेशी सैटेलाइट लॉन्च से इसरो ने 439 मिलियन डॉलर कमाए.गगनयान मिशन के लिए फंडिंग 20,193 करोड़ रुपये बढ़ाई गई.

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. अंतरिक्ष में कोई नई खोज करनी हो या फिर सैटेलाइट लॉन्च करना हो, आज हर स्पेस एजेंसी इसरो की मदद ले रही है. यहां तक कि अमेरिका ने भी अपने कई सैटेलाइट को इसरो के रॉकेट से ही स्पेस में भेजा है. इससे भारत के रेवेन्यू में भी करोड़ों-अरबों रुपए का इजाफा हुआ है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पिछले 10 वर्षों में विदेशी सैटेलाइट लॉन्च से 439 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया है. लोकसभा में सिंह ने कहा, “जनवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक, कुल 393 विदेशी सैटेलाइट और 3 भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को वाणिज्यिक आधार पर इसरो के पीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी लॉन्च वाहनों पर लॉन्च किया गया है.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी अवधि के दौरान विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग से सरकार द्वारा उत्पन्न विदेशी मुद्रा राजस्व लगभग 143 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो है. वर्तमान विनिमय दरों के अनुसार, 272 मिलियन यूरो 296 मिलियन डॉलर के बराबर हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 से भारत ने 34 देशों के सैटेलाइट लॉन्च किए हैं.

कुल विदेशी सैटेलाइट में से अमेरिका की 232 सैटेलाइट हैं, जो कि सबसे अधिक है. दूसरे देशों में यूके की 83, सिंगापुर की 19, कनाडा की 8, कोरिया की 5, लक्जमबर्ग की 4, इटली की 4, जर्मनी की 3, बेल्जियम की 3, फिनलैंड की 3, फ्रांस की 3, स्विट्जरलैंड की 2, नीदरलैंड की 2, जापान की 2, इजरायल की 2, स्पेन की 2, ऑस्ट्रेलिया की 1, संयुक्त अरब अमीरात की 1 और ऑस्ट्रिया की 1 सैटेलाइट है.

केंद्रीय मंत्री ने संसद को 61 देशों में विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ इसरो के सहयोग की भी जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वर्तमान में, 61 देशों और पांच बहुपक्षीय निकायों के साथ अंतरिक्ष सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सहयोग के प्रमुख क्षेत्र सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट नेविगेशन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, स्पेस साइंस और प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन और क्षमता निर्माण हैं.”

इसरो ने नासा के साथ एक जॉइंट सैटेलाइट मिशन के लिए साझेदारी की है, जिसका नाम ‘निसार (नासा इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार)’ है, जो अभी अपने एडवांस स्टेज पर है. सीएनईएस (फ्रेंच नेशनल स्पेस एजेंसी) के साथ इसरो ने ‘तृष्णा (थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट फॉर हाई-रिजॉल्यूशन नेचुरल रिसोर्स असेसमेंट)’ नाम से एक जॉइंट सैटेलाइट मिशन के लिए सहयोग किया है, जो प्रारंभिक चरणों में है. अंतरिक्ष एजेंसी ने जेएएक्सए (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) के साथ एक जॉइंट लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन को साकार करने के लिए एक प्रैक्टिकल स्टडी भी की है.

इस बीच, केंद्रीय सिंह ने कहा कि सरकार ने भारत के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन, गगनयान कार्यक्रम के लिए फंडिंग को बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपये कर दिया है. गगनयान मिशन अब 2028 तक दो क्रू स्पेस फ्लाइट संचालित करने की योजना बना रहा है. कार्यक्रम में दो क्रू और छह बिना क्रू वाले कुल आठ मिशन होंगे.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 15, 2025, 18:02 IST

homenation

इसरो के रॉकेट्स ने दुनिया भर में मचाया तहलका, 439 मिलियन डॉलर की कमाई!

Read Full Article at Source