उपनिवेशवाद की हमपर छाप... 'इंडिया बनाम भारत' पर बोले RSS महासचिव दत्‍तात्रेय

1 month ago

Last Updated:March 11, 2025, 12:19 IST

Dattatreya Hosabale News: आरएसएस के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने इंडिया बनाम भारत की बहस को फिर से छेड़ दी है. उन्होंने भारत को अंग्रेजी नाम 'इंडिया' की बजाय 'भारत' कहे जाने पर जोर दिया है. उनका मानन...और पढ़ें

उपनिवेशवाद की हमपर छाप... 'इंडिया बनाम भारत' पर बोले RSS महासचिव दत्‍तात्रेय

फिर इंडिया बनाम भारत का मुद्दा सामने आया. (File Photo)

हाइलाइट्स

दत्तात्रेय होसबोले ने 'इंडिया बनाम भारत' मुद्दा उठाया.उन्‍होंने कहा कि भारत को 'इंडिया' नहीं, 'भारत' कहा जाना चाहिए.औपनिवेशिक मानसिकता से बदलाव का आह्वान किया.

नई दिल्‍ली. आरएसएस के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बार फिर इंडिया बनाम भारत की बहस को छेड़ दिया है. उन्‍होंने कहा है कि भारत को उसके अंग्रेजी इंडिया से नहीं बल्कि ‘भारत’ कहा जाना चाहिए. होसबोले ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में जी-20 डिनर के दौरान देश को ‘भारत गणराज्य’ कहा था, तो फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं को अभी भी अंग्रेजी नाम क्यों रखना चाहिए.

होसबोले ने जोर देकर कहा कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई या संवैधानिक ढांचे से कहीं अधिक है. यह एक गहन दर्शन और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है. पंचशील बालक इंटर कॉलेज के सभागार में सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक विमर्श भारत का के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए होसबोले ने इंडिया की बजाय भारत की पहचान को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया.

इंडिया को अंग्रेजी नाम है…
इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस से प्रेरित संगठन प्रेरणा शोध संस्थान न्यास ने किया था. उन्होंने कहा कि देश का नाम भारत है तो भारत बोलो. इंडिया को अंग्रेजी नाम है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया अंग्रेजी नाम है. यह उपनिवेशवाद की पहचान है. होसबाले ने इंडिया बनाम भारत के मुद्दे पर कहा कि ब्रिटिश शासन ने हमपर एक गहरी छाप छोड़ी है, जो अभी भी भारतीय चेतना को आकार दे रही है. उन्होंने मुगलों द्वारा आक्रमण के दौरान मंदिरों और गुरुकुलों के विनाश से लेकर अंग्रेजी को एक प्रमुख भाषा के रूप में लागू करने तक सांस्कृतिक उन्मूलन के ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला दिया.

मुगलों ने हमारी संस्‍कृति नष्‍ट की
होसबोले ने कहा कि मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया, हमारे मंदिरों, गुरुकुलों, प्राचीन संस्कृति को नष्ट कर दिया, हम पर हावी हो गए, लेकिन इसने हमें अंग्रेजों की तरह हीन महसूस नहीं कराया. ब्रिटिश शासन ने हमें महसूस कराया कि वे हमसे बेहतर हैं. ‘अंग्रेजियत’ का विचार अभी भी कायम है. यही कारण है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का कारोबार यहां फल-फूल रहा है,” उन्होंने औपनिवेशिक युग की मानसिकता से बदलाव का आह्वान किया.

First Published :

March 11, 2025, 12:08 IST

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