Last Updated:July 10, 2025, 13:17 IST
Flight Lieutenant Rishiraj Singh Deora: राजस्थान के चूरू जिले भानुदा गांव में क्रैश हुए एयरफोर्स के फाइटर जेट जगुआर के को-पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा इस हादसे में शहीद हो गए. ऋषिराज सिंह देवड़ा प...और पढ़ें

फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा पाली जिले के खिंवादी गांव के रहने वाले थे.
हाइलाइट्स
फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा शहीद हुए.23 साल की उम्र में ऋषिराज ने देश सेवा में जान दी.ऋषिराज का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ होगा.पाली. राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर इलाके के खिंवादी गांव में आज भीड़भाड़ बहुत है लेकिन वहां सन्नाटा छाया हुआ है. लोग तो आ रहे हैं लेकिन आवाज नहीं. वजह है इस गांव के युवा जाबांज लाडले फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा (23) की शहादत. खिंवादी के ऋषिराज बुधवार को चूरू जिले के रतनगढ़ इलाके के भानुदा गांव में क्रैश हुए एयरफोर्स के फाइटर जेट जगुआर के को-पायलट थे. इस हादसे में ऋषिराज देवड़ा शहीद हो गए. आज खिंवादी गांव में उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
महज 23 साल की उम्र में शहीद होने वाले ऋषिराज अपने परिवार और गांव की शान थे. दो भाइयों में बड़े ऋषिराज बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे और उन्हें वो मौका मिल गया. वे पूरे जोश और जज्बे से इंडियन फोर्स का हिस्सा बने. परिवार की खुशियों का कोई ओर-छोर नहीं था. बेटा एयरफोर्स में अफसर बन गया था. अब बारी थी सिर पर सेहरा सजाने की. लेकिन किस्मत को शायद यह मंजूर नहीं था. किसे पता था जहां उनके सेहरा बांधने की तैयारियां की जा रही है उस उम्र में परिजनों को उनकी अर्थी को कंधा देना पड़ेगा. जिस घर में खुशियों के बैंड बजने थे वहां आज मातम की जाजम बिछी है.
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खुशियों को लगा ग्रहण
होटल व्यवसायी जसवंत सिंह देवड़ा और भंवर कंवर के बेटे ऋषिराज का छोटा भाई युवराज जोधपुर में 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है. ऋषिराज की स्कूलिंग भी जोधपुर से हुई थी. स्कूल पूरी करने के बाद उनका चयन NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में हो गया. उसके बाद वे महाराष्ट्र के पुणे के खड़गवासला स्थित नेशनल डिफेंस अकादमी पहुंचे और ट्रेनिंग कर अपने सपने को पूरा किया. अपना सपना पूरा होने पर ऋषिराज बेहद खुश थे. परिवार की खुशियों के भी पंख लगे थे कि अब बेटा दूल्हा बनेगा और घोड़ी चढ़ेगा. लेकिन माता-पिता की खुशियों को ग्रहण लग गया. वे स्तब्ध हैं. मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं.
देश सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया
ऋषिराज के परिवार के अन्य सदस्य भी सदमे में हैं. ऋषिराज सिंह के काकोसा हितपाल सिंह रुंघे गले से कहते हैं उसने देश सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है. इसका उन्हें फ्रख है लेकिन परिवार का सदस्य चले जाने से दुखों का पहाड़ भी टूट पड़ा है. ऋषिराज सिंह की पार्थिव देह आज दोपहर करीब ढाई बजे तक उनके गांव खिंवादी पहुंचने की संभावना है. खिंवादी गांव में ऋषिराज के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रिश्तेदारों और ग्रामीणों का जमावड़ा लगा हुआ है. लेकिन बोल किसी के मुंह से नहीं फूट रहे हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
Location :
Pali,Pali,Rajasthan