पटियाला: मशद हिंद समाना की दरगाह धार्मिक एकता का शानदार उदाहरण है. यह दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र है. मशद ए हिंद समाना दरगाह को रोजा इमाम माजद अली हजरत अली मूसा राजा, हजरत मुहम्मद के 9वें वंशज, के सबसे पवित्र स्थल में से एक माना जाता है. यहां दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं. बताया जाता है कि दरगाह में इबादत के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में बहुत से गैर-मुस्लिम भी होते हैं. यहां हर किसी की मनोकामना पूरी होती है, और इसे एक विशेष स्थान माना जाता है.
बड़ी संख्या में लोग आते हैं
बता दें कि इस दरगाह पर ईरान, इराक, पाकिस्तान, भारत, हैदराबाद, लखनऊ, मेरठ, दिल्ली, शिमला, जलंधर, चंडीगढ़ और मलरकोटला जैसे स्थानों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इस दरगाह के दो दिवसीय वार्षिक उर्स का आयोजन 23-24 नवंबर को किया जा रहा है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
उर्स के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रवीण हुसैन ने बताया कि पंजाब सरकार और प्रशासन ने इस उर्स के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं. दर्गाह कमेटी ने आने वाले तीर्थयात्रियों के ठहरने और खाने-पीने के लिए पूरी व्यवस्था की है.
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24 नवंबर को जुलूस निकाला जाएगा
24 नवंबर को एक मातम जुलूस भी निकाला जाएगा. बता दें कि हर साल 24 नवंबर को यहां वार्षिक मजलिस और जुलूस आयोजित होता है, जिसमें देश भर से हजारों श्रद्धालु आते हैं. स्वतंत्रता के बाद, समाना शहर के लोगों ने इस दरगाह को बचाने में सहयोग किया, जिसके कारण आज यह दरगाह दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुकी है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:43 IST