Last Updated:October 01, 2025, 10:12 IST
OPERATION SINDOOR: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ब्रह्मोस, S-400 और राफेल की धूम पूरी दुनिया में है. भारत बड़ी तेजी से अपने जखीरे में अतिरिक्त हथियारों को शामिल करने के लिए प्रक्रिया को तेज कर चुकी है. इसमें राफेल और S-400 की खरीद भी शामिल है.
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की शानOPERATION SINDOOR: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद उसकी चमक और धमक अब भी बरकरार है. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना की भूमिका सबसे अहम रही. लिहाज़ा वायुसेना इस धमाकेदार सफलता को गर्व से अपनी वर्दी में लगाए घूम रही है. मिग-21 के रिटायरमेंट के दिन चंडीगढ़ एयरबेस पर ऑपरेशन सिंदूर पैच लगाए अफसर नजर आए. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान पर कहर बरपाने वाले वायुसेना के तीन जेट सुखोई-30, राफेल और मिराज-2000 को मिसाइल दागते हुए इस पैच में दिखाया गया है. इस पैच में पाकिस्तान का नक्शा, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (बहावलपुर), और लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर (मुरीदके) को टारगेट करते हुए दर्शाया गया है. साथ ही, पाकिस्तान के हमले और उसके 6 एयरक्राफ्ट को गिराने वाले S-400 लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर डिफेंस सिस्टम को भी मिसाइल फायर करते हुए दिखाया गया है. 1971 के बाद यह पहली बार था जब वायुसेना ने पाकिस्तान के पंजाब स्थित मेनलैंड में स्ट्राइक की. हालांकि, अभी तक वायुसेना की ओर से कोई आधिकारिक सिंदूर पैच जारी नहीं किया गया है, लेकिन कई यूनिट्स ने अपने स्तर पर यह पैच तैयार किए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में S-400 का धमाकेदार डेब्यू
भारत ने अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की आक्रामकता को ध्यान में रखते हुए रक्षा तैयारियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसी रणनीति के तहत भारत ने रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था, जिसका इस ऑपरेशन में पहली बार इस्तेमाल हुआ. S-400 ने पाकिस्तान के जेट्स को मार गिराया, और रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब इसकी अतिरिक्त यूनिट्स खरीदने की योजना बना रहा है.
फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान पंजाब में मचाया गदर
7 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 चुने हुए ठिकानों पर जबरदस्त हमला किया. सिर्फ 25 मिनट में पाकिस्तान की ज़मीन और आसमान धमाकों से गूंज उठा.
एयरफोर्स के टारगेट:
सेना ने 21 में से 9 टारगेट्स चुने गए. इनमें से 5 POK और 4 पाकिस्तान के पंजाब में स्थित थे. सबसे अहम टारगेट्स बहावलपुर (जैश का हेडक्वार्टर) और मुरीदके (लश्कर का गढ़). भारतीय वायुसेना ने इन्हें प्रिसिशन गाइडेड एयर-टू-सर्फेस म्यूनिशन से निशाना बनाया ताकि किसी भी सिविलियन को नुकसान न हो. वायुसेना ने अपनी घटती फाइटर स्क्वॉड्रन्स को मज़बूती देने के लिए अतिरिक्त राफेल जेट की खरीद प्रक्रिया तेज कर दी है.MRFA (Multirole Fighter Aircraft) खरीद योजना अब तेजी से आगे बढ़ रही है.भारतीय वायुसेना 114 MRFA की खरीद प्रक्रिया में है. इस डील के दावेदारों में रूस, फ्रांस,अमेरिका, स्वीडन और यूरोप की कंपनियां रेस में है. हालांकि, राफेल अब भी भारत की पहली पसंद माना जा रहा है.
राफेल की जानिए ताक़त:
मौजूद राफेल जेट्स 36 एयर-टू-एयर मिसाइल Meteor 150 किमी रेंज नो एस्केप ज़ोन 100 किमी गन 30 मिमी अन्य मिसाइलें एयर-टू-सरफेस, एयर-टू-ग्राउंड अधिकतम रफ्तार 2,223 किमी/घंटा कॉम्बैट रेंज 1,850 किमी फ्यूल टैंक के साथ रेंज 3,700 किमी खुद का वज़न 10,300 किग्रा टेकऑफ वज़न 24,500 किग्रा (हथियार सहित)न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
First Published :
October 01, 2025, 10:12 IST

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