Last Updated:September 10, 2025, 21:21 IST
India Qatar relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमिम बिन हमाद अल थानी से दोहा में इजरायल हमलों पर चिंता जताई, भारत कतर की संप्रभुता का समर्थन करता है और क्षेत्रीय शांति चाहता है.

भारत की विदेश नीति हमेशा आजाद रही है. अन्याय के खिलाफ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमिम बिन हमाद अल थानी से फोन पर बात कर एक बार फिर इसे साबित कर दिया है. कतर की राजधानी दोहा में हमला इजरायल ने किया. वही इजरायल भारत के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक है. लेकिन प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर से बातचीत में दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता जताई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है. इसका मतलब साफ है कि अन्याय दोस्त भी करते तो भी बर्दाश्त नहीं.
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों के समाधान का समर्थन करता है और किसी भी प्रकार की हिंसा और तनाव बढ़ाने से बचने की अपील करता है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए दृढ़ता से खड़ा है और आतंकवाद के सभी रूपों और प्रयासों के खिलाफ संघर्ष करता रहेगा. भारत इस संकट में कतर के साथ है. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी कहा था, हमने दोहा में इसराइली हमलों से जुड़ी रिपोर्ट्स देखी हैं. हम इस घटनाक्रम और क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. हम संयम और कूटनीति की अपील करते हैं, ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कोई खतरा न रहे.
कतर भारत के लिए कितना जरूरी
1. कतर दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस निर्यातकों में शामिल है. भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए कतर एक अहम साझेदार है. भारत अपनी एलएनजी की जरूरत का 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कतर से खरीदता है. इसके अलावा एथिलीन, प्रोपलीन, अमोनिया, यूरिया और पॉलीइथिलीन भी वहां से आता है. अगर कतर में कोई बवाल हुआ, तो वहां से इंपोर्ट पर असर पड़ेगा, जो भारत कभी नहीं चाहेगा.
2. कतर में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. यहां आठ लाख से भी ज्यादा भारतीय रहते हैं. सब वहां मेडिकल, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, फाइनेंस, बैंकिंग, व्यवसाय और मीडिया में काम करते हैं. वहां अस्थिरता होने पर उनकी सुरक्षा और रोजगार पर खतरा उत्पन्न हो सकता है.
3. भारत कतर सहित खाड़ी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर पश्चिम एशिया में संतुलन बनाए रखना चाहता है, जिससे चीन और अन्य शक्तियों के प्रभाव को संतुलित किया जा सके. इतना ही नहीं, यह पश्चिमी देशों समेत पूरी दुनिया के लिए मैसेज भी है कि भारत किसी गुट के साथ खड़ा नहीं है. भारत आजाद है.
4. भारत इजरायल और कतर दोनों के साथ संबंध बनाए रखना चाहता है. इजरायल से रक्षा सहयोग है, तो कतर से ऊर्जा और व्यापार सहयोग. दोनों के बीच संतुलन भारत की विदेश नीति का हिस्सा है. भारत क्षेत्रीय स्थिरता का पक्षधर है. हिंसा बढ़ने से वैश्विक व्यापार, समुद्री मार्ग और ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जो भारत सहित पूरे विश्व के हित में नहीं है.
5. भारत चाहता है कि खाड़ी क्षेत्र में कट्टरपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा न मिले. अस्थिरता से आतंकवादी नेटवर्क सक्रिय हो सकते हैं, जिससे भारत की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. भारत एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति बनकर उभरना चाहता है जो संवाद, कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है. पीएम मोदी का बयान इसी नीति का संकेत है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 10, 2025, 21:21 IST