Last Updated:December 26, 2025, 10:02 IST
देश में पहली बार कबूतरों को दाना डालने पर सजा दी गई है. मुंबई की बांद्रा की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने दादर निवासी नितिन शेट को सार्वजनिक जगह पर कबूतरों को दाना डालने का दोषी ठहराया है और उस पर जुर्माना लगाया है. कोर्ट का कहना है कि कबूतरों को इस तरह दाना डालने से कई हेल्थ संबंधी परेशानियां होने की संभावनाएं हैं. कई स्टडीज में बीमारियों के बारे में बताया गया है, आइए जानते हैं खतरे...
कबूतरों को फीड कराने के मामले में पहली बार कोर्ट ने किसी को सजा दी है. बॉम्बे में पहली बार एक व्यवसाई पर जुर्माना लगाया गया है. Pigeon Feeding: सार्वजनिक जगह पर कबूतरों को दाना डालने के मामले में पहली बार किसी को दोषी ठहराया गया है. यह अपने आप में पहला मामला है, जब बांद्रा की एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में दादर में रहने वाले एक 52 साल के व्यवसायी पर जुर्माना लगाया है. जुलाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने खुले में कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाया था, उसके बावजूद व्यवसायी ने दाना डालने की गलती की थी.
इस बारे में कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगह पर कबूतरों को दाना डालना न केवल सरकारी आदेशों का उल्लंघन है बल्कि यह कृत्य सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा था.बांद्रा के 9वें कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वीयू मिसाल ने 22 दिसंबर को दादर निवासी नितिन शेट को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223(ख) और 271 के तहत दोषी ठहराया. ये धाराएं किसी लोक सेवक के वैध आदेश की अवहेलना करने और जीवन के लिए खतरनाक किसी रोग के संक्रमण को फैलाने की संभावना वाले कृत्य से संबंधित हैं. अदालत ने इन दोनों आरोपों में शख्स पर 3,000 रुपये और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
बता दें कि 1 अगस्त 2025 को बॉम्बे पुलिस ने जेएलजे रोड पर हिंदुजा अस्पताल के पास बने कबूतरखाने के पास शेट को दाना डालते हुए पकड़ा था और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में पुलिस ने कहा कि यह कृत्य मानव जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा था और बीमारियों के फैलाव में योगदान कर सकता था. एक महीने में पुलिस की चार्जशीट के बाद शेट ने कोर्ट में अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था.
मामले की सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस कृत्य से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ है और सरकारी आदेशों का उल्लंघन किया है, जिससे यह दंडनीय अपराध बनता है. अदालत ने यह भी कहा कि शख्स ने अवैध रूप से या लापरवाही से ऐसा कृत्य किया, जिसके बारे में उसको पता था. हालांकि इस सजा के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य समर्थकों और पक्षी प्रेमियों व कुछ समुदायों के बीच मतभेद है.
क्या होते हैं कबूतर को दाना डालने के खतरे
बता दें कि कबूतरों को दाना डालने के पीछे कई स्वास्थ्य संबंधी खतरों के फैलने की संभावना जताई जाती है. इसकी वजह है कबूतरों की बीट और उनके पंख. जहां भी कबूतरों को दाना डाला जाता है, वहां वे बीट करते हैं और उनके पंख गिरते हैं, इनसे कई बीमारियां पनपने का खतरा होता है. इसे लेकर कई स्टडीज भी हुई हैं, जिनमें काफी हद तक बैक्टीरिया और बीमारियों के फैलने की संभावना जताई गई है.
एक रिसर्च बताती है कि कबूतर की बीट में मौजूद बैक्टीरिया फेफड़े या सांस संबंधी बीमारियां फैला सकता है. इसके अलावा उनके मल और पंखों से निकलने वाले फंगस, बैक्टीरिया क्रिप्टोकोकस, हिस्टोप्लास्मोसिस, साल्मोनेला और ई-कोलाई से फेफड़ों की सूजन यानि हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस, निमोनिया, क्रिप्टोकोकोसिस, हिस्टोप्लास्मोसिस और सिटाकोसिस जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना होती है. ई कोलाई से लिवर और पेट संबंधी रोग होने का खतरा होता है. यही वजह है कि कबूतरों को चुगाने पर कई शहरों में प्रतिबंध लगाया गया है.
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प्रिया गौतमSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
December 26, 2025, 10:02 IST

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