कभी बीमार, कभी इंतजार, अब CWC मीटिंग में दौड़ते-भागते पहुंचे शशि थरूर

2 hours ago

कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की शनिवार को बैठक हो रही है. इंदिरा भवन में हो रही इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शरीक हुए हैं. इस बैठक में शामिल होने के लिए शशि थरूर भी पहुंचे. पार्टी की कई अहम बैठकों से नदारद रहने के बाद थरूर का इस बैठक में पहुंचना खासा चर्चा में है. थरूर यहां भागकर कांग्रेस मुख्यालय यानी इंदिरा भवन में दाखिल होते दिखे.

सीडब्लूसी की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो रहे हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुके हैं. इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा, दिग्विजय सिंह, गौरव गोगोई, कुमारी सैलजा, सचिन पायलट, वीरप्पा मोइली, चरणजीत सिंह चन्नी और अभिषेक मनुसिंघवी भी सीडब्लूसी बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं.

#WATCH | Delhi | Congress President Mallikarjun Kharge greets Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi outside the All India Congress Committee (AICC) Headquarters in Indira Bhawan. They enter the building together to attend… pic.twitter.com/CZPzaj4zCe

कांग्रेस की बैठक से कब-कब दूर रहे थरूर?

इसी महीने कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की अहम बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता राहुल गांधी ने की थी. इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई थी. हालांकि शशि थरूर इसमें शामिल नहीं हुए थे. बाद में थरूर ने सफाई देते हुए कहा था कि वे निजी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के चलते कोलकाता में थे, जिस वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके.

#WATCH | Delhi | Congress MP Shashi Tharoor arrives at the All India Congress Committee (AICC) Headquarters in Indira Bhawan to attend the Congress Working Committee (CWC) meeting. pic.twitter.com/SKZhFmgwyz

कभी बीमार, कभी बिजी थे थरूर?

इसके बाद 30 नवंबर को कांग्रेस की एक और अहम रणनीतिक बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की थी. इस बैठक का मकसद पार्टी की समग्र रणनीति और राजनीतिक दिशा पर मंथन करना था. इस बैठक में भी शशि थरूर अनुपस्थित रहे. थरूर की ओर से बताया गया कि वे उस समय केरल से उड़ान पर थे, और इसी कारण समय पर बैठक में नहीं पहुंच पाए.

इससे पहले 18 नवंबर SIR वोटर री-वेरिफिकेशन जैसे मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व की एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन शशि थरूर इसमें भी शामिल नहीं हो सके. इस बार उनकी गैरहाजिरी की वजह स्वास्थ्य कारण बताई गई थी.

CWC की बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा

यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म कर उसकी जगह विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी ‘जी राम जी’ कानून लागू किया है. हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पारित हुआ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है.

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस नए कानून पर कड़ा ऐतराज जताया है. पार्टी का आरोप है कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना न सिर्फ गांधी जी का अपमान है, बल्कि ग्रामीण गरीबों के अधिकारों पर भी सीधा हमला है.

जी राम जी कानून पर क्या आपत्ति?

इस नए कानून के तहत हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है, लेकिन इसमें केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के फंडिंग अनुपात का प्रावधान किया गया है. कांग्रेस का कहना है कि इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और योजना की मूल भावना कमजोर होगी.

CWC बैठक में मनरेगा के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ रणनीति को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. इसके अलावा मौजूदा राजनीतिक हालात और संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा होगी.

बिहार में हार के बाद CWC की पहली बैठक

यह बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की पहली बैठक है. ऐसे में आत्ममंथन और आगे की रणनीति पर भी गंभीर चर्चा होने की उम्मीद है. यह बैठक अगले साल होने वाले असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनावों के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है. पार्टी इन राज्यों में अपनी सियासी दिशा और चुनावी रणनीति को लेकर भी मंथन कर सकती है.

Read Full Article at Source