कम या ज्यादा सोने वाले, कौन से बच्चे होते हैं होशियार? ये रहा एक्सपर्ट का जवाब

21 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 17:49 IST

How much sleep is essential for children at different ages: कुछ बच्‍चे ज्‍यादा सोते हैं तो कुछ कम, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी क‍ि कम या ज्‍यादा सोने से बच्‍चों के मानसिक विकास, स्‍कूल में एकेडमिक परफॉर्मेंस ...और पढ़ें

कम या ज्यादा सोने वाले, कौन से बच्चे होते हैं होशियार? ये रहा एक्सपर्ट का जवाबज्‍यादा सोने वाले या कम सोने वाले, कौन से बच्‍चे होते हैं होशियार? जानें

हाइलाइट्स

बच्चों की नींद की जरूरत उम्र के अनुसार बदलती है.कम सोने वाले बच्चों की एकेडमिक परफॉर्मेंस खराब हो सकती है.उम्र के अनुसार पर्याप्त नींद बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है.

Is sleep less or more makes child Intelligent: अगर आपसे पूछा जाए कि कम सोने वाले बच्चे ज्यादा होशियार होते हैं या ज्यादा सोने वाले तो आपको लगेगा कि सोने से बुद्धिमानी का क्या ताल्लुक है? वहीं हो सकता है कि कुछ लोग ये भी सोचें कि ज्यादा सोने वाले बच्चे आलसी होते हैं, जबकि कम सोने वाले बच्चे सुपर एक्टिव होते हैं. डॉक्टरों की मानें तो सोने के तरीके में होशियारी का राज छुपा है. कम या ज्यादा सोना आपके बच्चे को स्कूल से लेकर घर तक में होशियार या बुद्धू बना सकता है.

देखा जा रहा है कि आजकल बहुत सारे पेरेंट्स अपने बच्चों की नींद की शिकायतें लेकर भी पहुंच रहे हैं. कुछ पेरेंट्स कहते हैं कि हमारा बच्चा देर रात तक सोता नहीं है और दिन में नहीं सोता है. कहीं कोई परेशानी की बात तो नहीं है, जबकि बहुत सारे पेरेंट्स की शिकायत ये भी रहती है कि बच्चा सुबह देर तक सोता है और स्कूल के लिए बहुत मुश्किल से उठता है. इन शिकायतों पर डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की नींद का पैमाना अलग-अलग उम्र में अलग-अलग होता है. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसकी नींद की जरूरत बदल जाती है.

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की ओर से पेरेंट्स के लिए जारी की गई गाइडलाइंस बताती हैं कि छोटे बच्चों की नींद बार-बार टूटती है ऐसे में उन्हें सोने के लिए ज्यादा लंबा समय चाहिए होता है. नवजात उम्र से लेकर व्यस्क होने तक नींद की जरूरत कम होती चली जाती है, लेकिन अच्छी सेहत के लिए पूरी भरपूर नींद लेना जरूरी है.

इतनी नींद है जरूरी

उम्र                                     न्यूनतम नींद                                  स्‍लीप रेंज
0-3 महीने                            11 घंटे                                        14-17 घंटे
4-11 महीने                          10 घंटे                                        12-15 घंटे
1-2 साल                              9 घंटे                                          11-14 घंटे
3-5 साल                              8 घंटे                                         10-13 घंटे
6-13 साल                           7 घंटे                                           9-11 घंटे
14-17 साल                         7 घंटे                                           8-10 घंटे

गाइडलाइंस कहती हैं कि इस स्लीप चार्ट में बताया गया है कि बच्चों को इस उम्र में कम से कम इतनी नींद लेनी ही चाहिए लेकिन अगर आपका बच्चा बताई गई स्लीप रेंज के अनुसार इतने घंटे तक भी सोता है तो घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. उदाहरण के लिए अगर आपका 5 साल का बच्चा 13 घंटे भी सोता है तो यह उसके लिए अच्छी नींद है.

कौन से बच्चे होते हैं होशियार ?
आमतौर पर भारतीय घरों में 8-9 घंटे सोने को ही पर्याप्त माना जाता है और अगर कोई इससे ज्यादा सोता है तो उसे आलस या अन्य चीजों से जोड़ते हैं. यहां तक कि स्कूल जाने वाले 10-12 साल के बच्चों को भी 8 घंटे से ज्यादा सोते रहने पर कई बार डांट खाने को मिलती है.हालांकि गाइडलाइंस कहती हैं कि अगर आपका बच्चा कम सोता है तो उसकी सेहत को नुकसान हो सकता है.जो बच्चे अपनी उम्र के अनुसार पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, वे अक्सर दिन में उनींदा महसूस करते रहते हैं, उनके स्वभाव और व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लगता है , उन्हें कोई भी चीज सीखने में दिक्कत होती है. यहां तक कि उनकी एकेडमिक परफॉर्मेंस भी खराब हो जाती है. ऐसे बच्चे स्कूल में ज्यादा एकाग्रता से चीजों को नहीं ग्रहण कर पाते हैं. इतना ही नहीं कम सोने वाले युवाओं में एक्सीडेंट का भी खतरा ज्यादा देखा गया है.

लिहाजा अगर आपका बच्चा रोजाना 8 घंटे से ज्यादा सो रहा है और उम्र के अनुसार स्लीप रेंज में सो रहा है तो यह उसकी शारीरिक और मानसिक दोनों ही ग्रोथ के लिए अच्छा है. ज्यादा सोने वाला बच्चा एक्स्ट्रा एक्टिविटीज या खेलों में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाता है.

प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस...और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस...

और पढ़ें

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

homelifestyle

कम या ज्यादा सोने वाले, कौन से बच्चे होते हैं होशियार? ये रहा एक्सपर्ट का जवाब

Read Full Article at Source