कांगो में फैली रहस्यमयी बीमारी, 60 लोगों ने तोड़ा दम, ऐसे हो रही हैं मौतें

1 month ago

Congo Mysterious Disease: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में एक रहस्यमयी बीमारी ने लोगों का जीना हराम कर दिया है. इस बीमारी की वजह से हलाकान मचा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम इस बीमारी के मामले और स्थानीय लोगों की मौत की जांच कर रही है. यह मामला इक्वेटर प्रांत में सामने आया है, जहां अब तक 1,096 लोग बीमार हो चुके हैं और 60 की मौत हो चुकी है. 

मिले मरीज
हाल ही में, इस प्रांत के बसांकुसु स्वास्थ्य क्षेत्र में 141 नए मरीज मिले हैं, हालांकि इस बार किसी की मौत नहीं हुई. फरवरी में, इसी क्षेत्र में 158 लोग बीमार पड़े थे, जिनमें से 58 की जान चली गई थी. वहीं हम जनवरी की बात करें तो इसी प्रांत के बोलोम्बा क्षेत्र में 12 मामले आए थे, जिनमें से आठ की मौत हो गई थी. 

देखे जा रहे हैं ये लक्षण
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक बसांकुसु और बोलोम्बा में कुल 1,096 बीमार मरीजों और 60 मौतों की पुष्टि हुई है. मरीजों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गर्दन में अकड़न, खांसी, उल्टी, दस्त और कुछ मामलों में नाक से खून बहने जैसे लक्षण देखे गए हैं. लोग पहले इसकी चपेट में आए और फिर बाद में दम तोड़ दिए.

भेजे गए हैं विशेषज्ञ
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय स्तर की आपातकालीन टीम और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं. वे बीमारी का कारण पता लगाने और मरीजों को तुरंत चिकित्सा सहायता देने का काम कर रहे हैं.
प्रारंभिक जांच में इबोला और मारबर्ग वायरस की संभावना खारिज कर दी गई है. हालांकि, आधे से अधिक नमूनों में मलेरिया की पुष्टि हुई है. अन्य संभावित बीमारियों, जैसे मैनिंजाइटिस, और पर्यावरणीय कारणों की जांच जारी है. 

सामने आ रही है कठिनाई
इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण राहत कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं. 2024 के अंत में, डीआरसी के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत क्वांगो में भी एक "रहस्यमय बीमारी" फैली थी, जिसे बाद में गंभीर मलेरिया और कुपोषण से जुड़ा पाया गया. जनवरी 2025 में सरकार की एक रिपोर्ट में वहां 2,774 मामले और 77 मौतें दर्ज की गई थीं. इस बीमारी के साथ-साथ डीआरसी पहले से ही कई स्वास्थ्य संकटों का सामना कर रहा है, जिससे उसका स्वास्थ्य तंत्र और कमजोर हो रहा है. इसके अलावा, देश के उत्तर किवु और दक्षिण किवु प्रांतों में बढ़ते सशस्त्र संघर्ष ने हालात और खराब कर दिए हैं. लूटपाट, राहतकर्मियों पर हमले और सड़कों की नाकेबंदी जैसी घटनाओं से मदद पहुंचाना मुश्किल हो गया है. (आईएएनएस)

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