Last Updated:August 17, 2025, 20:03 IST
Telangana Politics: तेलंगाना कांग्रेस में घमासान मच गया है. कांग्रेस विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने CM रेवंत रेड्डी पर भेदभाव का आरोप लगाया. विकास फंड रोके जाने और मंत्री पद न मिलने से पार्टी में मचा बव...और पढ़ें

न्यूज18 तेलुगु
Telangana Politics: तेलंगाना की सियासत इन दिनों गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी के भीतर खींचतान खुलकर सामने आने लगी है. मुनुगोडु विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने खुले मंच से मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए पैसे जारी नहीं किए जा रहे और उन्हें मंत्री पद देने में जानबूझकर देरी की जा रही है.
यह विवाद इतना बढ़ा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर ही घमासान छिड़ गया है. अब सवाल यही है कि आखिरकार एक कांग्रेस MLA ने अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा क्यों खोला और इसके पीछे की असली वजह क्या है.
उन्होंने दावा किया कि ठेकेदारों को बिलों का भुगतान न होने के कारण वेलिगोंडा-चौटुप्पल सड़क निर्माण का काम रुक गया है. उनका आरोप था कि इस पर मंजूरी खुद मुख्यमंत्री के पास अटकी हुई है.
मंत्री पद न मिलने से गुस्सा
असल में राजगोपाल रेड्डी का असंतोष सिर्फ फंडिंग तक सीमित नहीं है. उनका कहना है कि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले जब वे कांग्रेस में वापस आए थे, तब उन्हें मंत्री पद का वादा किया गया था. उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने भी उन्हें यह भरोसा दिलाया था. लेकिन सरकार बनने के बाद उनके नाम को दरकिनार कर दिया गया.
राजगोपाल रेड्डी का तर्क है कि नलगोंडा जिले से 11 विधायक होने के बावजूद केवल दो मंत्री बनाए गए. जबकि खम्मम जिले से 9 विधायक हैं और तीन मंत्री पद मिले. वे पूछते हैं कि अगर नलगोंडा से तीन मंत्री बनाए जाते तो दिक्कत क्या थी?
कांग्रेस में बढ़ती असहमति
राजगोपाल रेड्डी की खुली आलोचना ने कांग्रेस की राज्य इकाई को असहज कर दिया है. पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष मल्लू रवि ने कहा कि वे इस मामले पर राजगोपाल से बात करेंगे और सुलझाने की कोशिश करेंगे.
रेवंत रेड्डी ने क्या दिया जवाब?
वहीं मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी अप्रत्यक्ष जवाब देते हुए कहा, “दस में से एक को ही कुर्सी मिलेगी, बाकी नौ निराश होंगे.” यह बयान साफ इशारा करता है कि मंत्री पद हर किसी को नहीं मिल सकता.
अतीत भी विवादों से भरा
यह पहला मौका नहीं है जब राजगोपाल रेड्डी कांग्रेस आलाकमान से नाराज हुए हैं. साल 2022 में वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और मुनुगोडु उपचुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 2023 में उन्होंने फिर से कांग्रेस ज्वाइन की और चुनाव जीतकर विधायक बने. लेकिन मंत्री पद की उम्मीदें पूरी न होने पर वे फिर से आलोचनाओं के सुर उठा रहे हैं. इससे कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और ज्यादा उलझ गई है.
पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ीं
राजगोपाल रेड्डी का यह रुख कांग्रेस आलाकमान के लिए बड़ी चुनौती है. एक तरफ पार्टी राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है वहीं अंदरूनी कलह उसकी छवि को कमजोर कर सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजगोपाल की शिकायतें पूरी तरह निराधार नहीं हैं. अब देखना यह होगा कि आलाकमान उन्हें कैसे मनाता है. अगर विवाद सुलझा नहीं, तो पार्टी को न सिर्फ नलगोंडा जिले में, बल्कि पूरे राज्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 17, 2025, 20:03 IST