कानपुर में बनी बैरल से हर मिनट दागे जाएंगे 120 राउंड, पाक जेट होंगे निशाने पर

17 hours ago

Last Updated:June 06, 2025, 07:20 IST

AATAMNIRBHAR BHARAT: भारत ने तो खुद की तकनीक से खुद को ताकतवर बनाने में जुटा है. भारतीय नेवी जिस प्लान के साथ बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है वो है आत्मनिर्भर भारत. इस मुहीम के तहत नेवी खुद को 2047 तक पूरी तरह से ...और पढ़ें

कानपुर में बनी बैरल से हर मिनट दागे जाएंगे 120 राउंड, पाक जेट होंगे निशाने पर

नेवी में शामिल स्वदेशी रैपिड गन बहैल

हाइलाइट्स

भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत मुहिम में तेजी से आगे बढ़ रही है.कानपुर में बनी बैरल से हर मिनट 120 राउंड दागे जाएंगे.SRGM गन की रफ्तार फाइटर जेट से भी तेज है.

AATAMNIRBHAR BHARAT: भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत मुहिम में तेजी से आगे बढ़ रही है. एयरक्राफ्ट कैरियर से लेकर जंगी जहाज, सबमरीन से लेकर एंटी सबमरीन टॉरपीडो सभी स्वदेशी हैं. अब एंटी एयरक्राफ्ट गन बैरल भी स्वदेशी हो गए हैं. नौसेना के वॉरशिप की मेन गन SRGM यानी सुपर रैपिड गन माउंट गन है. इसका बैरल अब देश में ही तैयार किया जा रहा है. इस गन का बैरल कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है. पिछले महीने ही भारतीय नौसेना को SRGM के दो बैरल सौंपे गए हैं. अब तक हरिद्वार स्थित BHEL में इस गन का लाइसेंस प्रोडक्शन हो रहा था. भारत ने इटली की कंपनी OTO Melara से इस गन की खरीद की थी. इस वक्त भारतीय नौसेना के लगभग सभी वॉरशिप में यह गन लगी हुई है.

पहली स्वदेशी SRGM बैरल
अब तक स्वदेशी तौर पर SRGM की बैरल नहीं बनाई जाती थी. यह पहली बार है और नौसेना को जो बैरल सौंपे गए हैं, वे स्वदेशी बैरल की पहली खेप हैं. अब आगे से इस गन के बैरल को बाहर से नहीं मंगवाया जाएगा. जितने भी वॉरशिप में यह सुपर रैपिड गन माउंट गन लगी है, उनकी बैरल की रिप्लेसमेंट इन्हीं स्वदेशी बैरल के जरिए होगी. जितने भी नए वॉरशिप आने वाले दिनों में शामिल होंगे, उनमें भी यही स्वदेशी बैरल ही लगाई जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक 3 साल तक 12 इंजीनियरों की टीम इस बैरल को तैयार करने में जुटी थी. चूंकि अब यह बैरल भारत में तैयार हो रही है, लिहाजा इसकी कीमत भी पहले से कम होगी.

SRGM की ताकत
सुपर रैपिड गन माउंट की ताकत की बात करें तो इसकी रफ्तार के आगे फाइटर जेट की रफ्तार भी फीकी पड़ जाएगी. एक मिनट में 120 राउंड इस गन से दागे जा सकते हैं. इस गन के बैरल की लंबाई 4588 मिलीमीटर है. इससे 76mm के राउंड दागे जाते हैं. दुश्मन का फाइटर जेट को 15 किलोमीटर दूर ही ढेर कर सकता है. यह एक मीडियम कैलिबर एंटी मिसाइल एंटी एयरक्राफ्ट गन है. इसकी खासियत है इसका रेट ऑफ फायर और सटीकता. इस वेपन की खासियत है एक साथ कई टार्गेट को एंगेज करना. यह तेज रफ्तार से मूव करने वाले क्राफ्ट और मिसाइल के खिलाफ सबसे बेहतर है. साल 2023 में ही रक्षा मंत्रालय ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड हरिद्वार से 16 अपग्रेडेड गन और अन्य साजो सामान की डील की थी. इस पूरे डील की कीमत 2956.89 करोड़ रुपये थी.

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