कितने दिनों बाद फेंक देने चाहिए पुराने अंडरगारमेंट, साइंस रिसर्च क्या कहती हैं

2 hours ago

Last Updated:September 16, 2025, 12:26 IST

हम सभी अंडरगारमेंट्स जरूर पहनते हैं. बेशक आप इन्हें रोज धोते हों लेकिन कितने दिनों बाद इनका इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर देना चाहिए. साइंस के रिसर्च इस पर क्या कहते हैं

कितने दिनों बाद फेंक देने चाहिए पुराने अंडरगारमेंट्स, साइंस रिसर्च क्या कहती ह

अगर पूछा जाए कि हम किस कपड़े को सबसे ज्यादा शरीर के नजदीकी संपर्क में रखते हैं तो जवाब होगा अंडरगारमेंट्स. दरअसल इनरवीयर दूसरे कपड़ों की तुलना में हमारे शरीर के सबसे ज्यादा करीबी संपर्क में आते हैं. लिहाजा ये शरीर के पसीने, बैक्टीरिया, मैल और फाउल स्मेल को भी झेलते हैं. बेशक आप इन्हें रोज साबुन लगाकर साफ करते हों लेकिन साइंस कहती है कि एक समय के बाद इनका इस्तेमाल शरीर के लिए घातक हो जाता है, लिहाजा इन्हें फेंक देना चाहिए.

रिसर्च और स्वास्थ्य विशेषज्ञ साफ़ मानते हैं कि अंडरगारमेंट्स “हमेशा के लिए” नहीं होते. उन्हें खारिज करने का एक तय समय होता ही है. भले वो दिखने में ठीक लगें और रोज ब रोज साफ भी किए जा रहे हों.

रिसर्च और विशेषज्ञों के अनुसार, अंडरगारमेंट्स की शेल्फ लाइफ शरीर के लिहाज से कुछ महीने की होती है. अंडरगारमेंट्स को किसी भी हाल में 6 महीने से 1 साल के भीतर बदल देना चाहिए. रिसर्च बताती है कि पुराने अंडरगारमेंट्स कई तरह की समस्याएं पैदा करने लगते हैं, जो शरीर को रोगी बना सकते हैं.

गंदे अंडरगारमेंट पहनने से त्वचा में जलन, संक्रमण और गंदगी बढ़ती है. इसलिए रोज धोये और बदले गए अंडरगारमेंट्स स्वास्थ्य और हाइजीन लिए जरूरी हैं. उन्हें केवल पानी से नहीं बल्कि साबुन या सर्फ से ही धोएं.

बैक्टीरिया का जमाव

भले ही आप इनरवीयर को रोज अच्छे से वॉश करते हों लेकिन समय के साथ फैब्रिक के फाइबर में माइक्रोस्कोपिक छेद हो जाते हैं. यानि ऐसे बारीक छेद जो शायद नजर भी नहीं आएं. इनमें बैक्टीरिया, फंगस और डेड स्किन सेल्स जमा हो जाते हैं, जिन्हें पूरी तरह से निकालना मुश्किल होता है. ये कीटाणु दुर्गंध और संक्रमण का कारण भी बनते हैं.

एक रिसर्च में यह भी पता चला है कि गंदे या ठीक से धोए न गए अंडरगारमेंट से त्वचा में जलन, एलर्जी या संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसलिए अंडरगारमेंट को नियमित और सही तरीके से धोना जरूरी है। धोते समय अच्छे साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग करें ताकि बैक्टीरिया पूरी तरह साफ हो जाएं.

फैब्रिक की क्वालिटी भी खराब हो जाती है

लगातार धोने और पहनने से फैब्रिक के इलास्टिक फाइबर कमजोर हो जाते हैं. इससे अंडरवियर ढीला पड़ जाता है. अपना सही सपोर्ट देना बंद कर देता है. इस वजह से अंडरवियर के साथ शरीर का घर्षण और नमी दोनों बढ़ते हैं. इससे खुजली और रैशेज हो सकते हैं.

pH संतुलन बिगड़ना

महिलाओं के अंडरगारमेंट्स में योनि स्राव (vaginal discharge) के कारण एसिडिक pH वाले अवशेष जमा हो सकते हैं. पुराने फैब्रिक में यह संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे यीस्ट इन्फेक्शन या बैक्टीरियल वेजिनोसिस का खतरा बढ़ जाता है.

अंडरगारमेंट (अंडरवियर) के स्वास्थ्य और हाइजीन को लेकर कई वैज्ञानिक रिसर्च हुए हैं. इनमें मुख्य रूप से ये बात सामने आई है कि अंडरगारमेंट के कपड़े और उनकी साफ-सफाई सीधे तौर पर त्वचा और योनि के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं.

अंडरगारमेंट खुद बताते हैं कब बदलें

इलास्टिसिटी खत्म होना – अगर अंडरवियर का इलास्टिक ढीला पड़ गया है, वह सही तरीके से फिट नहीं हो रहा, बार-बार खिसक रहा है या सहारा (सपोर्ट) नहीं दे रहा, तो उसे बदल दें. खासकर स्पोर्ट्स ब्रा का सही सपोर्ट न मिलने से चोट लग सकती है.

फैब्रिक पतला होना या उसमें छोटे छेद होना – फैब्रिक के घिसने से उसमें छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं. ये छेद बैक्टीरिया के लिए घर बन जाते हैं और उन्हें पूरी तरह साफ करना असंभव हो जाता है.

जब कुछ दाग जाने बंद हो जाएं – ब्लड या अन्य बॉडलिक फ्लूइड्स के कुछ दाग समय के साथ जम जाते हैं. उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं. अगर दाग लगातार बना हुआ है, तो अंडरगारमेंट्स को बदलना ही बेहतर है.

दुर्गंध – अगर अंडरगारमेंट को धोने के बाद भी उसमें से दुर्गंध आती है, इसका मतलब है कि फैब्रिक के फाइबर में बैक्टीरिया जमा हो चुके हैं. इसे बचाने की कोशिश न करें.

रंग उड़ना या फीका पड़ना – ये फैब्रिक के खराब होने का एक साफ संकेत होता है.

क्यों रोज बदलें

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डेरमेटोलॉजी की रिपोर्ट कहती है कि अंडरवियर रोज बदलें और साफ सुथरा इनरवीयर पहनें. मेयो क्लिनिक के हाइजीन टिप्स कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति रोजाना व्यायाम करता है तो उसे ज्यादा पसीना आता है, या रोज लोग धुल धक्कड़, धुएं या प्रदूषण वाली जगह पर ज्यादा समय बिताते हैं तो उन्हें अंडरगारमेंट को दिन में एक से दो बार बदलना चाहिए. पसीने की नमी और गर्मी बैक्टीरिया और फंगल ग्रोथ को बढ़ावा देती है.

– त्वचा पर अंडरगारमेंट्स लगातार पहनने से माइक्रोबियल ग्रोथ (फंगल, बैक्टीरिया) का खतरा बना रहता है.
– वायुमंडलीय नमी, पसीना, त्वचा के प्राकृतिक तेल, और सूक्ष्म प्रदूषण अंडरगारमेंट में फिर से बैठ सकते हैं.
– बैक्टीरिया और फंगल स्पोर्स कपड़े की फाइबर में रह सकते हैं, जिससे अगली बार पहनने पर संक्रमण का खतरा बना रहता है.
– त्वचा पर प्राकृतिक तौर पर मौजूद तेल, पसीना, डेड स्किन सेल्स और बाहरी गंदगी अंडरगारमेंट पर जमा हो जाते हैं.
– बेशक कपड़ा साफ किया गया हो, परंतु बार-बार धुलाई और सुखाने पर भी माइक्रोबियल स्पोर्स (जैसे फंगल स्पोर्स) पूरी तरह से खत्म नहीं होते।
– यदि वही अंडरगारमेंट एक से अधिक दिन पहना जाए तो त्वचा पर चिपकाव बढ़ता है और संक्रमण की संभावना भी.
– खासकर गर्म मौसम, व्यायाम करने के बाद या पसीने की अधिकता वाले मामलों में तो यह खतरा और बढ़ जाता है.

कैसे अंडरगारमेंट अच्छे

वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि सूती (कॉटन) जैसे प्राकृतिक, सांस लेने वाले कपड़े अंडरगारमेंट के लिए सबसे अच्छे होते हैं. ये बैक्टीरिया और यीस्ट संक्रमण के खतरे को कम करते हैं क्योंकि ये नमी को कंट्रोल करते हैं और त्वचा को सांस लेने देते हैं. सिंथेटिक कपड़ों से एलर्जी या त्वचा की जलन हो सकती है, जबकि सूती कपड़े कम एलर्जेनिक माने गए हैं.

सोर्स
1. American Academy of Dermatology (AAD):
https://www.aad.org/public/everyday-care/skin-care-basics/hygiene/how-often-should-you-change-underwear

2. Journal of Applied Microbiology (2017):
“Effects of underwear fabric type on skin microflora”
DOI: 10.1111/jam.13451

Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

September 16, 2025, 12:26 IST

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