किम जोंग के सैनिक मदद करने आए तो भड़की पुतिन आर्मी, NATO भी टेंशन में, जानें क्या कहा?

3 weeks ago

Russia-Ukraine War: यूक्रेन-रूस युद्ध मानो थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस जंग को लेकर अब तक ये अटकलें ही लग रही थीं कि नॉर्थ कोरिया ने रूस की मदद के लिए अपने सैनिक भेजे हैं. लेकिन अब नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) ने इसकी पुष्टि कर दी है.  नाटो ने 28 अक्टूबर को कहा कि नॉर्थ कोरिया के कई सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात हैं. 

कुर्स्क में तैनात हैं नॉर्थ कोरियाई सैनिक

यह घोषणा ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में एक हाई लेवल दक्षिण कोरियाई डेलिगेशन की ओर से दी गई ब्रीफिंग के बाद की गई. एपी ने रूटे के हवाले से कहा, 'आज मैं ये पुष्टि करता हूं कि रूस की मदद के लिए नॉर्थ कोरिया ने अपनी सेना भेजी थी और वह फिलहाल कुर्स्क क्षेत्र में तैनात है.'

यह अपडेट यूक्रेनी रक्षा खुफिया विभाग से लीक हुए ऑडियो के बाद आया है, जिसमें खुलासा हुआ था कि रूसी सैनिक उत्तर कोरियाई सैनिकों के आने और मैनेजमेंट को लेकर चिंतित थे, जो कथित तौर पर रूस के कुर्स्क क्षेत्र में एंट्री कर रहे थे.

CNN की रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिकॉर्डिंग्स में रूसी सैनिक इस बात को लेकर नाराज दिखे कि कैसे नॉर्थ कोरियाई सैनिकों (K बटालियन) को जरूरी उपकरणों दिए जाएंगे और नेतृत्व किया जाएगा. सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया, एक मौके पर एक रूसी सैनिक ने आने वाले सैनिकों को नस्लीय गालियां दीं, जिससे साफ नजर आया कि वे कोरियाई सैनिकों के आने को लेकर खुश नहीं हैं.

रूसी सैनिकों ने किया विरोध

यूक्रेन की इंटेलिजेंस के मुताबिक नॉर्थ कोरियाई सैनिक 24 अक्टूबर को पहुंच गए थे. उनको कुर्स्क में पोस्टोयालये ड्वोरी फील्ड कैंप के पास तैनात किया गया है. इंटरसेप्ट से यह भी पता चला कि हर 30 उत्तर कोरियाई सैनिकों के लिए तीन सीनियर अधिकारी और एक ट्रांसलेटर नियुक्त करने की योजना है, जिसकी रूसी सैनिकों ने कथित तौर पर अव्यावहारिक और भ्रामक व्यवस्था के तौर पर आलोचना की है और एक सैनिक ने पर्याप्त अधिकारियों की उपलब्धता पर सवाल उठाया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडोमिर जेलेंस्की ने कहा कि उनको सेना की तरफ से नॉर्थ कोरियाई सैनिकों की तैनाती की खबर मिल चुकी है. उन्होंने कहा, 'इंटेलिजेंस के मुताबिक, 27-28 अक्टूबर को रूस नॉर्थ कोरियाई सैनिकों की पहली खेप को युद्ध के मैदान में उतारेगा. यह रूस की आक्रामकता का स्पष्ट कदम है.'

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