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किसे कहते हैं भारत का घोस्ट टाउन? साल के तीन महीने नहीं दिखते लोग, पसरा रहता है ऐसा सन्नाटा
EXPLAINER Ladakh : भारत की जनसंख्या 140 करोड़ के पार है. हर शहर लोगों की भीड़ से पटा पड़ा है. अगर हम कहें कि देश में एक ऐसी जगह भी है जहां से लोग तीन महीने तक लोग शहर खाली करने लगते है. तो क्या आप मानेंगे? शायद नहीं. लेकिन यह सच है. लद्दाख वह जगह है जहां सर्दियों में लोग अपने घरों को ताला लगाकर निकल जाते हैं. देश के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक लद्दाख हर साल सर्दियों में भूतह शहर में बदल जाता है. सर्दियों में तापमान हमेशा माइनस में ही रहता है. लद्दाख को ठंडा रेगिस्तान भी कहा जाता है. सिर्फ भारतीय सेना के जवान और उनकी मूवमेंट ही जारी रहती है. सड़क मार्ग बंद होने के चलते ताजी सब्जियां, तेल और अन्य जरूरी साजोसामान की कमी हो जाती है. सारा काम ठप्प हो जाता है.
कहां जाते हैं लद्दाखी लोग
सर्दियों में लेह लद्दाख में जीवन जीना किसी चुनौती से कम नहीं है. लेह और कारगिल ही दो बड़े शहर है. सर्दियों में यहां से लोगों का पलायन होना शुरू हो जाता है. लेह से लोग दिल्ली चंडीगढ़ निकल जाते है. करगिल वाले श्रीनगर और जम्मू की तरफ रुख करते है. पूरे लेह लद्दाख की जनसंख्या ढाई से तीन लाख के करीब है. लेह में होटल और टैक्सी का काम करने वाले नोर्बू का कहना है ‘लेह के 99 फीसदी होटल सर्दियों में बंद हो जाते हैं. सिर्फ एक या दो बड़े होटल ही खुलते हैं. 40-50 फीसदी लोग लेह को छोड़कर कम ठंड वाली जगहों पर चले जाते हैं. चारो तरफ सिर्फ सन्नाटा ही पसरा हुआ रहता है. यात्री अक्टूबर से अप्रैल तक आते ही नहीं हैं. बस जिनके ऑफिस का कोई काम हो तो ही लेह में दिख जाते हैं. विंटर टूरिजम के लिए कुछ लोग जरूर आने लगे हैं. सर्दियों में ज्यादातर लोग लद्दाख से निकल जाते हैं. लद्दाख के दूर दराज इलाके में रहने वाले जनजातीय लोग, चरवाहे ही बचते है’.
बर्फबारी से बंद हो जाते है रूट
लेह लद्दाख सर्दियों में देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट जाता है. बर्फ से लद्दाख जाने वाले रूट बंद हो जाते है. सड़क मार्ग से आवाजाही बाधित रहती है. हवाई मार्ग ही लाइफ लाइन होती है. लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर लगातर लेह एयरबेस पर ऑपरेशन के लिए एक्टिव रखती है. बड़ें स्नो बुल्डोजर के जरिए लेह रनवे पर जमी बर्फ को लगातार हटाने का काम जारी रहता है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) लगातार सड़कों से बर्फ हटाकर उन्हें यातायात के लिए खुला रखने की कोशिश में लगे रहतें हैं. लद्दाख तक पहुंचने के लिए अब तक दो सडक मार्ग थे. एक श्रीनगर से जोजिला पास होते हुए कारगिल फिर लेह. दूसरा मनाली से रोहतांग, लाचुंग ला, बारालाचला और तंगलांग ला होते हुए लेह तक पहुंचता है. दोनों ही रास्ते साल के कुछ महीने भारी बर्फबारी के कारण बंद रहते हैं. तीसरा रूट मनाली से नीमू पद्म दार्चा पर काम जारी है.
ऑल वेदर प्रोजेक्ट बनेगी लेह की लाइफ लाइन
भारत और चीन से लगती LAC पर निगरानी के लिये भारतीय सैनिक विषम परिस्थितियों में डटे रहते है. साल 2020 के बाद से तो उसकी संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई. अब 50 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती लद्दाख में है. लेह को जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है. सेना और सरकार ने लेह रूट पर ऑल वेदर रोड और टनल का जाल बिछाया है. श्रीनगर से लद्दाख जाने वाले रूट पर जोजिला पास पर टनल का निर्माण जारी है. यह टनल जोजिला के बायपास कर देगी. इससे रोज़मर्रा की जरूरतों का सामान सड़क मार्ग के जरिए लद्दाख तक आसानी से पहुंचेगा. सेना की मूवमेंट को और भी आसानी बनाएगा. हिमाचल से लद्दाख को जोड़ने वाले दो रूट है. मनाली के रोहतांग पास को अटल टनल बनाकर बायपास कर दिया है. अभी इस रूट पर 3 टनल प्रस्तावित है. मनाली से नीमू पद्म दार्चा रूट पर शिंकुला दर्राे पर टनल बनाने का काम भी शुरु है. जब रास्ते आसान हो जाएंगे. लेह जाने वाले टूरिस्टों की संख्या भी सर्दियों में बढ़ जाएगी. लद्दाख के आम लोगो के पास काम होगा. सर्दियों में वह बाहर नहीं जाएंगे.
Tags: Indian Airforce, Indian army, Ladakh News, Leh News, Manali Leh Road
FIRST PUBLISHED :
January 2, 2025, 14:56 IST