Last Updated:August 31, 2025, 23:36 IST

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने निचली अदालत के एक आदेश को पलटते हुए, दो दशक पहले कुपवाड़ा जिले में हुए आत्मघाती हमले में भूमिका के लिए एक पूर्व पुलिस अधिकारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने शनिवार को सोगाम के पूर्व थाना प्रभारी गुलाम रसूल वानी को 2003 के आत्मघाती हमले में आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया.
इस हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की जान चली गई थी. हाईकोर्ट ने उसे हमले को अंजाम देने में एक पाकिस्तानी आतंकवादी की सहायता करने का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सह-आरोपी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा.
वानी को बरी करने संबंधी निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए, न्यायाधीशों ने राज्य सरकार की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा, “हम पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि वानी के पक्ष में दर्ज किए गए बरी करने के निष्कर्ष न केवल त्रुटिपूर्ण थे, बल्कि निचली अदालत ने निर्णायक सबूतों को भी नजरअंदाज कर दिया था.” खंडपीठ ने कहा कि वानी न केवल पाकिस्तानी हमलावर मोहम्मद इब्राहिम उर्फ खलीलउल्लाह (अब मृत) को जानता था, बल्कि उसे अपराध स्थल पर सुरक्षित रूप से लाया था.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
August 31, 2025, 23:36 IST