Last Updated:March 18, 2025, 09:13 IST
Arvind Kejriwal Bungalow Controversy: दिल्ली सरकार ने केजरीवाल के 'शीश महल' यानी 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले को लेकर बड़ा फैसला लिया है. जानिए रेखा गुप्ता सरकार की नई योजना और इसका भविष्य क्या होगा?

केजरीवाल के शीशमहल में अब बनेगा स्टेट गेस्ट हाउस
हाइलाइट्स
दिल्ली सरकार केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले को म्यूजियम नहीं बनाएगी.इस बंगले को अब स्टेट गेस्ट हाउस बनाने की योजना बना रही है.दिल्ली में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस की जरूरत है.नई दिल्ली. दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने फैसला लिया है कि वह अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले को म्यूजियम नहीं बनाएगी. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान बीजेपी ने विरोध में ‘शीश महल’ कहती थी. अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद के अधिकांश कार्यकाल के दौरान उनके आधिकारिक निवास रहे इस बंगले को अब स्टेट गेस्ट हाउस बनाने की योजना बना रही है.
बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान इस बंगले के रेनोवेशन में हुए खर्च को लेकर AAP सरकार पर हमले किए थे. पार्टी ने इसे ‘आम आदमी’ की पार्टी होने के AAP के दावे के खिलाफ बताया था. इंडियन एक्सप्रेस को एक सरकारी अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस की जरूरत है. अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में कोई गेस्ट हाउस नहीं है. दिल्ली सरकार अब 6 फ्लैग स्टाफ रोड के इस बंगले में बड़े एरिया होने और प्रमुख स्थान के कारण यहां गेस्ट हाउस बनाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, आखिरी फैसला अभी लिया जाना बाकी है.
क्यों खास है ये जगह?
जहां ये बंगला है वह फ्लैग स्टॉफ रोड, सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है, जहां राजभवन, दिल्ली विधानसभा और सचिवालय भी है. अधिकारी ने आगे बताया कि 1990 के दशक में एक अन्य संपत्ति, 33 शामनाथ मार्ग वाले एक बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन तीन-चार सालों के भीतर यह योजना रद्द कर दी गई. तब से दिल्ली में कोई राज्य अतिथि गृह नहीं रहा है. AAP सरकार के दौरान, 33 शामनाथ मार्ग को दिल्ली सरकार के थिंक टैंक ‘डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली’ के लिए यूज किया गया था, जिसे नीति-निर्माण पर सलाह देने के लिए स्थापित किया गया था.
1960 से किसके पास यह बंगला
साल 1942 में निर्मित, 6 फ्लैग स्टॉफ रोड बंगले में मूलरूप से पांच बेडरूम और एक ऑफिस रूम है, जो लुटियंस दिल्ली क्षेत्र के बाहर सबसे बड़ी सरकारी संपत्तियों में से एक है. साल 1960 के दशक से यह संपत्ति दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास है. इस बंगले में पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी प्रेम सिंह रहते थे, जिन्होंने दो बार दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. इसके बाद इसे दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाहों को आवंटित किया गया था.
2020 में हुआ था इस बंगले का रेनोवेशन
AAP सरकार ने इस बंगले के रेनोवेशन का फैसला तब लिया जब साल 2020 के मानसून के दौरान इसकी छत का एक हिस्सा गिर गया था और कुछ समय बाद एक शौचालय की छत भी ढह गई थी. बाद में किए गए संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट में इसके संपूर्ण नवीनीकरण की आवश्यकता पाई गई. केजरीवाल ने साल 2015 में अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ इस बंगले में शिफ्ट हुए और अक्टूबर 2024 तक यहीं रहे. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद उन्होंने यह बंगला छोड़ दिया और अपने परिवार के साथ 5, फिरोजशाह रोड स्थित बंगले में चले गए, जो AAP के पंजाब से राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आधिकारिक रूप से आवंटित किया गया था.
3 दिन इस बंगले में रहीं आतिशी
तीन दिनों के लिए AAP की नई मुख्यमंत्री आतिशी इस बंगले में रहीं, लेकिन 9 अक्टूबर को PWD ने उन्हें इसे खाली करने के लिए कह दिया, क्योंकि केजरीवाल ने आधिकारिक रूप से इसे विभाग को नहीं सौंपा था. जनवरी 2025 में PWD ने आतिशी को यह बंगला देने का प्रस्ताव भी रद्द कर दिया था. इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान, बीजेपी और कांग्रेस ने इस बंगले के रेनोवेशन पर खर्च की गई राशि को लेकर AAP सरकार की आलोचना की, खासकर ऐसे समय में जब लोग कोविड-19 महामारी से जूझ रहे थे.
बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद उसका मुख्यमंत्री इस ‘शीश महल’ में नहीं रहेगा. वरिष्ठ बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने यहां तक कहा कि इस बंगले को गिरा दिया जाना चाहिए और इसे अपनी ‘मूल स्थिति’ में लौटाना चाहिए. बीजेपी के सत्ता में आने के तुरंत बाद, दिल्ली सरकार ने इस बंगले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी. रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च 2020 में तत्कालीन PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने बंगले के ग्राउंड फ्लोर के पुनर्निर्माण और एक अतिरिक्त मंजिल जोड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ‘अत्यधिक आवश्यक’ बताया गया था. CAG रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस नवीनीकरण की प्रारंभिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ रुपये थी, लेकिन 2022 में कार्य पूरा होने तक यह बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई.
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First Published :
March 18, 2025, 09:13 IST