केरल में कार्गो शिप डूबा, उसमें था खतरनाक रसायन, इंसानों के लिए कितना जानलेवा?

3 hours ago

कोच्चि. केरल अपतटीय क्षेत्र में 640 कंटेनर ले जा रहा लाइबेरियाई मालवाहक जहाज समुद्र में पलटकर डूब गया है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है. तटरक्षक बल ने रविवार को एक बयान में कहा, “25 मई की सुबह, एमएससी ईएलएसए 3 तेजी से झुका और पलटकर डूब गया.” बयान में कहा गया कि जहाज पर मौजूद चालक दल के शेष तीन सदस्य जहाज छोड़कर समुद्र में कूद गए, जिन्हें भारतीय नौसेना के जहाज ‘आईएनएस सुजाता’ ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों से लैस जहाज ‘सक्षम’ को मौके पर भेजा गया है ताकि तेल रिसाव जैसी किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके. बयान में कहा गया जहाज पर रखे 640 कंटेनरों में से 13 में रासायनिक रूप से संवेदनशील सामग्री थी, जबकि 12 कंटेनर कैल्शियम कार्बाइड से भरे हुए थे. आईसीजी ने कहा, “जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था.”

यह ध्यान में रखते हुए कि केरल का संवेदनशील तट क्षेत्र जीवंत जैव विविधता का आश्रय स्थल होने के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण भी है, तटरक्षक बल ने सभी संभावित स्थितियों से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण की तैयारियों को तेज़ कर दिया है और राज्य प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया है.

कितना खतरनाक है कैल्शियम कार्बाइड?
जैसा कि कन्फर्म हो चुका है कि कार्गो शिप में 12 कंटेनर कैल्शियम कार्बाइड के हैं. ऐसे में अगर यह समंदर में मिल गया तो, इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं.

पानी के जानवरों पर असर
1. पानी की रासायनिक संरचना बिगड़ती है
कैल्शियम कार्बाइड जब पानी में घुलता है, तो कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड बनता है जो पानी को अत्यधिक क्षारीय (alkaline) बना देता है.
अधिकांश जलजीव केवल एक सीमित pH स्तर में जीवित रह सकते हैं, और इस असंतुलन से उनकी मृत्यु हो सकती है.

2. एसीटिलीन गैस का प्रभाव
पानी में उठते बुलबुले और गैसें पानी के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा को घटा देती हैं, जिससे मछलियों और अन्य जीवों का दम घुट सकता है और उनकी मौतें हो सकती हैं

3. त्वचा और गलफड़ों को नुकसान
मछलियों और उभयचर (जो जल और जमीन दोनों पर चलते हैं) जीवों की त्वचा और गलफड़ों पर यह रसायन संक्षारक (corrosive) असर डालता है.

4. प्रजनन और जैविक चक्र में बाधा
पानी में रसायनों की मौजूदगी से जलजीवों की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है, जिससे पूरी आबादी पर असर पड़ सकता है.

मनुष्यों पर क्या असर हो सकता है?
1. स्वास्थ्य पर सीधा असर (विशेषकर यदि दूषित पानी पिया जाए या संपर्क में आया जाए):
त्वचा पर जलन, एलर्जी या दाने
आंखों में जलन या क्षति
पेट दर्द, उल्टी, दस्त, अगर दूषित पानी का सेवन किया गया हो
लंबी अवधि में फेफड़ों और तंत्रिका तंत्र पर असर, खासकर यदि गैसों का संपर्क हो

2. फलों में उपयोग से अप्रत्यक्ष असर
अगर कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए फल खाए जाएं, तो उनमें मौजूद आर्सेनिक और फॉस्फीन गैस शरीर में जाकर: सिरदर्द, मनोविकृति, किडनी और लीवर पर असर, यहां तक कि कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं.

‘किसी भी कंटेनर या तेल के रिसाव को न छुएं’
आईसीजी ने बयान में कहा, “तटरक्षक बल के विमान द्वारा तेल रिसाव की पहचान करने वाली उन्नत तकनीक की मदद से स्थिति का आकलन किया जा रहा है. फिलहाल किसी भी प्रकार के तेल रिसाव की पुष्टि नहीं हुई है.” इसने कहा कि वह उत्पन्न हो रही स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और एमएससी ईएलएसए-3 के डूबने के बाद होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों की लगातार निगरानी कर रहा है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी कंटेनर या तेल के रिसाव को न छुएं जो समुद्र के किनारे आ सकता है. एमएससी ईएलएसए-3 जहाज शुक्रवार को विझिगम बंदरगाह से कोच्चि के लिए रवाना हुआ था.

जहाज में मरीन गैस ऑयल
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस बात की आशंका है कि कंटेनर और तेल सहित अन्य रासायनिक पदार्थ बहकर किनारे पर आ सकते हैं. केएसडीएमए ने यह भी चेतावनी दी है कि तट के कुछ हिस्सों में तेल की परतें दिखाई दे सकती हैं. तटरक्षक बल ने पुष्टि की है कि जहाज में मरीन गैस ऑयल (एमजीओ) और अति निम्न सल्फर ईंधन तेल (वीएलएसएफओ) था.

जहाज में रखे कुछ कंटेनर समुद्र में गिर गए थे
समुद्री ईंधन ले जा रहा लाइबेरियाई कंटेनर जहाज शनिवार को केरल तट से लगभग 38 समुद्री मील दूर कई डिग्री झुक गया था, जिससे उसमें रखे कुछ कंटेनर समुद्र में गिर गए थे. रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि जहाज की मालिकाना कंपनी का एक और जहाज सहायता के लिए इलाके में पहुंच चुका है.

कार्गो शिप पर सवार थे 24 लोग
शनिवार (24 मई) को अपराह्न करीब एक बजकर 25 मिनट पर जहाज की मालिकाना कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया था कि उसका जहाज 26 डिग्री तक झुक गया है और तुरंत मदद की जरूरत है. भारतीय तटरक्षक बल ने राहत एवं बचाव अभियान का तालमेल किया और संकटग्रस्त पोत के पास अपने जहाजों तथा विमान को तैनात रखा. जहाज के 24 सदस्यीय चालक दल में एक रूसी (कप्तान), 20 फिलीपीनी, दो यूक्रेनी और एक जॉर्जियाई नागरिक शामिल हैं.

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