52 घंटे से ज्यादा काम करवाया तो हो जाएगी जेल! बहुत सख्त हैं इस देश के कानून

6 hours ago

Last Updated:July 08, 2025, 13:49 IST

GK News: दक्षिण कोरिया अपने नियमों को लेकर बहुत सख्त है. वहां हफ्ते में 40 घंटे काम करने का प्रावधान है. कुछ मामलों में वर्किंग आवर्स बढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी नियमों का पालन करना होगा.

52 घंटे से ज्यादा काम करवाया तो हो जाएगी जेल! बहुत सख्त हैं इस देश के कानून

South Korea GK News: साउथ कोरिया के वर्किंग लॉज़ शानदार हैं

हाइलाइट्स

साउथ कोरिया में 52 घंटे से अधिक काम कराना लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट का उल्लंघन है.सरकारी कर्मचारियों को ज्यादा ओवरटाइम करने की अनुमति नहीं है.साउथ कोरिया में वर्क-लाइफ बैलेंस पर फोकस किया जाता है.

नई दिल्ली (GK News, South Korea Labor Laws). बीटीएस और के-ड्रामा की दीवानगी दुनियाभर में है. पिछले कुछ सालों में इनकी लोकप्रियता में इजाफे को देखते हुए न जाने कितने ही लोग साउथ कोरिया में बसने का सपना आंखों में संजो चुके हैं. लेकिन क्या आप साउथ कोरिया के लेबर लॉज़ के बारे में जानते हैं? हर देश के अपने नियम होते हैं. एंप्लॉयर हों या एंप्लॉई, ये नियम सभी को मानने पड़ते हैं. दक्षिण कोरिया में लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट (LSA) के तहत, हफ्ते में 52 घंटे (40 नियमित घंटे+12 ओवरटाइम घंटे) काम करना निर्धारित है.

दक्षिण कोरिया में यह नियम 2018 में लागू हुआ था. उससे पहले वहां अधिकतम वर्किंग आवर्स 68 घंटे थे. अगर कोई कर्मचारी 52 घंटे से ज्यादा काम करता है तो उसे इस बात की सजा भी मिल सकती है. साउथ कोरिया का वर्क कल्चर अपने सख्त नियमों और बेहतरीन वर्क एथिक्स के लिए जाना जाता है. लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट (LSA) के तहत 2018 में लागू 52-घंटे वीकली वर्क नियम प्राइवेट और सरकारी, दोनों क्षेत्रों पर लागू है. इससे वर्क लाइफ बैलेंस को बढ़ावा मिलता है और ओवरवर्क से होने वाले हेल्थ रिस्क को कम कर सकते हैं.

साउथ कोरिया में 52 घंटे का नियम क्या है?

साउथ कोरिया में एक हफ्ते में 52 घंटे से ज्यादा काम करने या करवाने पर कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं. जानिए इसका रिजल्ट क्या हो सकता है. 52 घंटे से अधिक काम करवाना सामान्य रूप से बैन है. अगर नियोक्ता इस लिमिट का उल्लंघन करता है तो उसे लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट के तहत कानूनी और आपराधिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं:

जुर्माना: 20 मिलियन कोरियाई वॉन (लगभग 17,700 USD) तक का जुर्माना.
कारावास: अधिकतम 2 साल तक की जेल.
कर्मचारी द्वारा मुकदमा: अगर कर्मचारी को जबरन 52 घंटे से अधिक काम करने पर मजबूर किया जाता है तो वह नियोक्ता के खिलाफ मुकदमा दायर कर सकता है.
स्वास्थ्य जोखिम: लंबे समय तक काम करने से मेंटल हेल्थ, हृदय रोग और कार्यस्थल पर दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं. कोरियाई सोसायटी ऑफ ऑक्यूपेशनल मेडिसिन ने इसके लिए चेतावनी दी है.
खास छूट: कुछ डिपार्टमेंट्स (जैसे स्वास्थ्य सेवा और परिवहन) में लेबर रिप्रेजेंटेटिव के साथ समझौते के आधार पर 52 घंटे से ज्यादा काम कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कम से कम 11 घंटे का रेस्ट देना अनिवार्य है.

प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए नौकरी के नियम

लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट ने साउथ कोरिया में प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए नियम बनाए हैं. ये नियम 5 या अधिक कर्मचारियों वाले व्यवसायों पर लागू होते हैं, जबकि छोटे व्यवसायों (5 से कम कर्मचारी) पर कुछ छूट लागू होती है.

1. प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी

वीकली वर्किंग आवर्स: 40 घंटे (8 घंटे प्रतिदिन, 5 दिन).

ओवरटाइम: अधिकतम 12 घंटे प्रति हफ्ते, जिसके लिए कर्मचारी की सहमति आवश्यक है. ओवरटाइम वेतन नियमित वेतन का 150% (रात 10 बजे के बाद 200%) है.

कुल कार्य घंटे: 52 घंटे प्रति सप्ताह से अधिक नहीं.

रेस्ट ड्यूरेशन: 4 घंटे से अधिक काम करने पर 30 मिनट का ब्रेक. 8 घंटे से अधिक काम करने पर 1 घंटा का ब्रेक मिलेगा. हर वर्किंग डे के बीच 11 घंटे का लगातार रेस्ट जरूरी.

छुट्टियां: 2020 से बड़े नियोक्ताओं (300+ कर्मचारी) और 2022 से छोटे नियोक्ताओं (5-29 कर्मचारी) के लिए अनिवार्य सवेतन अवकाश. वार्षिक अवकाश: 1 साल की सर्विस के बाद 15 दिन का सवेतन अवकाश.

2. सरकारी सेक्टर कर्मचारी

कुल कार्य घंटे: 52 घंटे प्रति हफ्ते से ज्यादा नहीं. सरकारी कर्मचारी भी 40 घंटे प्रति हफ्ते के स्टैंडर्ड पर काम करते हैं, लेकिन ओवरटाइम औसतन 11.06 घंटे तक सीमित है, जो प्राइवेट सेक्टर (16.06 घंटे) से कम है.

रेस्ट और छुट्टियां: सरकारी कर्मचारियों को प्राइवेट सेक्टर की तुलना में ज्यादा सवेतन अवकाश मिलते हैं. सभी सार्वजनिक अवकाश सवेतन छुट्टियां हैं (Earned Leaves), जो सरकारी क्षेत्र में पहले से ही लागू थीं.

विशेष प्रावधान: सरकारी क्षेत्र में नियमों का पालन सख्ती से होता है क्योंकि सरकार खुद जिम्मेदार है. सरकारी कर्मचारियों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा जैसे अतिरिक्त लाभ अनिवार्य रूप से मिलते हैं.

काम का दबाव: सरकारी कर्मचारी प्राइवेट सेक्टर की तुलना में कम ओवरटाइम करते हैं लेकिन प्रशासनिक कार्यों के कारण वर्क लोड ज्यादा हो सकता है.

नोट: लेटेस्ट जानकारी के लिए Ministry of Employment and Labor की वेबसाइट (moel.go.kr) चेक करते रहें.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

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