Last Updated:May 02, 2025, 15:42 IST
Courtroom News: तेलंगाना के बोधन कस्बे में जज एसम्पेल्ली साई शिवा ने बुजुर्ग कपल को इंसाफ देने के लिए सड़क पर ही फैसला सुनाया. कपल पर दहेज उत्पीड़न का आरोप झूठा पाया गया. जज साबह के इस कदम की तारीफ हो रही है.

जज साहब बुजुर्ग कपल को इंसाफ देने के लिए खुद सड़क पर उतर आए.(फोटो X/@ShoneeKapoor)
हाइलाइट्स
जज ने बुजुर्ग कपल को सड़क पर इंसाफ दिया.कपल पर दहेज उत्पीड़न का आरोप झूठा पाया गया.जज के इस कदम की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है.Courtroom News: तेलंगाना के निजामाबाद जिले के बोधन कस्बे में सोमवार को एक अनोखी तस्वीर देखने को मिली. यहां एक जज एसम्पेल्ली साई शिवा बुजुर्ग कपल को इंसाफ देने के लिए खुद सड़क पर उतर आए. दरअसल दोनों खराब सेहत के कारण कोर्ट तक आने में लाचार थे. जज साई शिवा के इस मानवीय कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है. जानकारी के मुताबिक, यह बुजुर्ग कपल ऑटो में बैठकर कोर्ट पहुंचा था.
हालांकि यह घटना देश में अदालतों की खस्ताहाल बुनियादी ढांचे की पोल खोलती है. एक बुजुर्ग के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है कि वह कोर्ट पहुंच सके. या ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि इस स्थिति में कोर्ट उनके घर तक पहुंच जाए. न्यूज इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक तस्वीर में जज साहब कोर्ट के बाहर सड़क पर ही फैसले पर साइन करते दिखे. उस वक्त बुजुर्ग व्यक्ति ऑटो में ही बैठा था और उनकी पत्नी हाथ जोड़े जज के सामने खड़ी थीं.
JUDGE DIMISSED CASE RIGHT AT THE RICKSHAW👏
The elderly couple arrived at the court premises in an auto-rickshaw but were unable to walk to the courtroom due to physical frailty.
Upon learning of their presence and condition, JFCM Magistrate E Sai Shiva stepped down from the… pic.twitter.com/Oj1r4hBVU2
— ShoneeKapoor (@ShoneeKapoor) May 1, 2025
क्या था मामला?
कोर्ट के रिकॉर्ड के अनुसार कांतापु सयाम्मा और कांतापु नादपी गंगाराम पर साल 2021 में उनकी बहू ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था. तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के तहत केस दर्ज किया था. दिसंबर 2021 में चार्जशीट दाखिल होने के बाद बोधन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. करीब 30 बार सुनवाई होने के बाद आखिरकार 22 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया गया.
क्यों नहीं कोर्ट आस सकते थे कपल
एक महीने पहले कोर्ट को बताया गया था कि कपल का एक्सीडेंट हो गया है और वे चल-फिर नहीं सकते. उनकी ऐसी हालत देखकर जज साहब खुद 30 अप्रैल को उन्हें इंसाफ देने पहुंचे. कोर्ट ने पाया कि बुजुर्ग कपल के खिलाफ उनकी बहू का आरोप झूठा था. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि “आरोपी नंबर 1 और 2 (यानी सयाम्मा और गंगाराम) को IPC की धारा 498ए के तहत दोषी नहीं पाया गया.” और उन्हें क्रूरता के आरोपों से बरी कर दिया.
खबरों के मुताबिक जज शिवा ने हैदराबाद के महात्मा गांधी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है. उन्होंने 2023 में सिविल जज की परीक्षा पास की है. न्यायिक परीक्षा में सफलता मिलने पर उन्होंने ‘तेलंगाना टुडे’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “बचपन से ही मेरा रुझान कानूनी मामलों की ओर था. मैंने पीड़ित और आरोपी के बीच में रहकर न्याय करने के लिए जज की भूमिका चुनी. मैं पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ-साथ मामलों का तेजी से निपटारा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैं कोर्ट में जज का पद संभालने के लिए उत्साहित हूं.”
Location :
Nizamabad,Nizamabad,Telangana