Last Updated:December 04, 2025, 14:42 IST
Supreme Court Hearing On SIR: सुप्रीम कोर्ट ने SIR अभियान के दौरान बीएलओ पर बढ़ते दबाव के मामलों पर चिंता जताई. इस दौरान कपिल सिब्बल ने ऐसी बात कही, जिसके बाद सीजेआई सूर्यकांत ने चुनाव आयोग को तुरंत नया निर्देश दे दिया.
SIR अभियान के दौरान BLO पर बढ़ते दबाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है.चुनाव आयोग की तरफ चलाए जा रहे वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) पर बढ़ते दबाव और हाल में सामने आए आत्महत्या के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे बीएलओ के काम को आसान बनाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती करें.
सुप्रीम कोर्ट में SIR पर सुनवाई के दौरान जब चुनाव आयोग (ECI) की ओर से तर्क दिया गया कि एक बीएलओ को अधिकतम 30 दिनों में 1200 फॉर्म ही भरने होते हैं, इसलिए इसे ‘अत्यधिक दबाव’ नहीं कहा जा सकता. तभी सीजेआई सूर्यकांत ने तुरंत सवाल दागा, ‘क्या 10 फॉर्म एक दिन का बोझ हैं?’
सीजेआई से क्या बोले कपिल सिब्बल?
इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने झट से जवाब दिया, ‘सर, यह 40 फॉर्म पड़ते हैं. उन्होंने कहा एक इमारत में 100 लोग रहते हैं, लिफ्ट नहीं है, हर मंज़िल पर चढ़ना पड़ता है… यह मेहनत का काम है.’
वहीं चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील ने कहा कि 70 साल की उम्र में भी वे सीढ़ियां चढ़ सकते हैं और यह पूरा मुद्दा ‘अनावश्यक राजनीतिक बहस’ बनाया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर बीएलओ को दिक्कत हो रही है तो राज्यों का दायित्व है कि वे अतिरिक्त कर्मचारी उपलब्ध कराएं.
SIR पर सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्देश?
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों और राज्य चुनाव आयोगों की तरफ से चुनाव आयोग को सौंपे गए कर्मचारी अपने वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन यदि उन पर दबाव अधिक है, तो राज्यों को सपोर्ट स्टाफ उपलब्ध कराना होगा.
बिहार में SIR पर सीजेआई सूर्यकांत ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान सीजेआई सूर्यकांत ने बिहार में SIR के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि पुनरीक्षण में न तो किसी घुसपैठिए का और न ही किसी फर्जी वोटर का पता चला. उन्होंने कहा, ‘यह राहत की बात है क्योंकि हम भी विदेशियों और फेक वोटरों को लेकर चिंतित थे. SIR ने इन आशंकाओं को दूर किया है.’
वहीं बीएलओ की मौत पर कोर्ट ने संवेदनशील टिप्पणी करते हुए कहा कि रिपोर्ट किए गए आत्महत्या के मामलों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, और राज्यों को तुरंत स्थितियां सुधारनी होंगी.
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First Published :
December 04, 2025, 14:42 IST

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