Last Updated:August 16, 2025, 23:49 IST
BJP Internal Survey for UP: उत्तर प्रदेश बीजेपी का इंटरनल सर्वे 2027 चुनाव से पहले बड़ा भूचाल ला सकता है. 100 से ज्यादा विधायकों के टिकट कट सकते हैं. जनता से कटे और सुस्त विधायकों पर आरोप हैं.

बिस्वजीत बनर्जी. उत्तर प्रदेश बीजेपी का इंटरनल सर्वे 2027 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के भीतर बड़ा भूचाल ला सकता है. शुरुआती नतीजों ने कई नेताओं की नींद उड़ा दी है. माना जा रहा है कि लगभग 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. शिकायतें लगातार मिल रही हैं कि कई विधायक जनता से कट चुके हैं, कामकाज में सुस्त हैं और व्यवहार में भी रुखाई दिखाते हैं. हालात ऐसे हैं कि छोटे-छोटे काम तक नहीं हो पा रहे. खनन और ठेकों में गड़बड़ी जैसे आरोप भी बढ़ रहे हैं. पार्टी नेतृत्व अब साफ कर चुका है कि 2027 जीत ही अंतिम लक्ष्य है और इसमें बाधा बनने वाले किसी भी विधायक को साइडलाइन करने में देर नहीं की जाएगी.
टिकट कटने का खतरा बढ़ा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक BJP अपने मौजूदा 258 विधायकों में से 100–120 का टिकट काट सकती है. 70–80 सीटों पर नए चेहरों की तैयारी है. साथ ही RLD और SBSP जैसे सहयोगियों के लिए भी कुछ सीटें छोड़ी जाएंगी. यानी 2027 चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी का चेहरा पूरी तरह बदला हुआ होगा.
क्यों नाराज हैं लोग?
कई विधायकों पर आरोप है कि वे जनता की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते. लोगों से मुलाकात कम करते हैं और व्यवहार में भी नरमी नहीं दिखाते. खनन और ठेकों में गड़बड़ी जैसे मामलों की शिकायतें लखनऊ से दिल्ली तक पहुंच रही हैं. झांसी में BJP विधायक के समर्थकों द्वारा ट्रेन यात्री की पिटाई की घटना तो सीधे RSS के वरिष्ठ नेता की मौजूदगी में हुई, जिससे मामला और गंभीर बन गया.
सर्वे का फॉर्मूला
यह सर्वे तीन कैटेगरी में बांटा गया है.
A कैटेगरी: लोकप्रिय नेता, जिनकी छवि और पकड़ मजबूत है.
B कैटेगरी: औसत परफॉर्मेंस वाले, सुधार की गुंजाइश है.
C कैटेगरी: कमजोर नेता, जिनकी छवि खराब है और जनता से जुड़ाव कम है.
विधायकों के कामकाज, विकास फंड के इस्तेमाल और जनता से जुड़ाव की बारीकी से जांच हो रही है.
BJP का फॉर्मूला नया नहीं
2017 और 2022 चुनाव में भी पार्टी ने कई विधायकों के टिकट काटे थे. उस समय तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं को बाहर कर नए चेहरे उतारे गए. इससे बीजेपी को एंटी-इनकम्बेंसी से राहत मिली. यही वजह है कि पार्टी अब और बड़े पैमाने पर यह प्रयोग दोहराने जा रही है.
विधायकों में बेचैनी
पार्टी के विधायकों में बेचैनी साफ दिख रही है. एक वरिष्ठ विधायक ने माना कि BJP में टिकट कभी पक्का नहीं होता. मेहनत करने के बावजूद सर्वे की रिपोर्ट खराब आई तो टिकट कट सकता है. हालांकि, पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि 2027 में जीत ही सबकुछ है. नए चेहरे उतारने से भी अगर जीत पक्की होती है, तो पुराने को हटाने में झिझक नहीं होगी.
जातीय समीकरण और विपक्षी चुनौती
2027 में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच INDIA गठबंधन मजबूत हो सकता है. ऐसे में जातीय समीकरण निर्णायक रहेंगे. बीजेपी जातीय संतुलन को ध्यान में रखकर टिकट बांटेगी. यही वजह है कि हर सीट पर तीन नामों का पैनल बन रहा है और अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा.
योगी के लिए मैसेज?
यह सर्वे योगी आदित्यनाथ के लिए अनुशासन और परफॉर्मेंस दोनों का मैसेज है. वहीं, दिल्ली के लिए यह दिखाने का मौका है कि BJP व्यक्तियों से बड़ी है. अगर 100 से ज्यादा टिकट कटते हैं तो यह संदेश साफ होगा कि पार्टी में सिर्फ जीतने वाला और जनता से जुड़ा चेहरा ही आगे बढ़ेगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 16, 2025, 23:49 IST