क्या UPSC किसी कैंडिडेट को बैन कर सकता है? इसके लिए क्या नियम बनाए गए हैं?

1 month ago

नई दिल्ली (UPSC Exam Rules). संघ लोक सेवा आयोग हर साल कई परीक्षाएं आयोजित करवाता है. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी मिलती है. यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है. हर साल लाखों अभ्यर्थी इसमें शामिल होते हैं, जिनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं. हाल ही में यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग ने एक अभ्यर्थी, पूजा खेडकर का कैंडिडेचर रद्द किया है.

पूजा अभ्यर्थी महाराष्ट्र कैडर की विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी थीं. उन्होंने कई सारे दांव-पेंच खेलकर यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी. जब उन पर लगे आरोपों की जांच की गई तो परत दर परत काफी कुछ सामने आता गया. इसीलिए यूपीएससी ने न सिर्फ पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी, बल्कि भविष्य में भी सरकारी नौकरी व इस तरह की परीक्षाएं देने से उन पर रोक लगा दी. जानिए यूपीएससी किन स्थितियों में किसी अभ्यर्थी को बैन करता है.

UPSC Exam Rules: 1 गलती से बर्बाद होगा करियर
संघ लोग सेवा आयोग अपने नियमों को लेकर काफी सख्त है. यूपीएससी परीक्षा फॉर्म में कोई गड़बड़ी होने पर, ट्रेनिंग के दौरान कोई गलती होने पर या सरकारी नौकरी में रहते हुए किसी बड़े विवाद की स्थिति में यूपीएससी अभ्यर्थियों का कैंडिडेचर रद्द कर उन्हें बैन कर सकता है. जानिए ऐसा कब होता है-

1- यूपीएससी परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़े जाने पर उम्मीदवार को सिविल सर्विस एग्जाम देने से बैन किया जा सकता है.

2- अगर कोई कैंडिडेट गलत डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके यूपीएससी परीक्षा देता है और फिर पकड़ा जाता है तो उसे बैन किया जा सकता है.

3- यूपीएससी परीक्षा केंद्र में हंगामा करने या अन्य उम्मीदवारों को परेशान करने पर भी उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है.

4- यूपीएससी एग्जाम सेंटर पर मोबाइल फोन, किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, कैमरा या ब्लूटूथ डिवाइस आदि ले जाने पर भी कैंडिडेट के खिलाफ स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जा सकता है.

5- अगर कोई उम्मीदवार गलत डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके सरकारी नौकरी हासिल कर लेता है और बाद में पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है.

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गलत एक्टिविटी में पकड़े जाने पर क्या होता है?
उम्मीदवार पर कोई भी आरोप लगने पर यूपीएससी एक जांच शुरू करता है. इसके तहत सबसे पहले तो अभ्यर्थी को नोटिस जारी किया जाता है. इसमें सभी आरोपों का जिक्र होता है. फिर उसे जवाब देने का मौका दिया जाता है. जांच के आधार पर यूपीएससी फैसला लेता है कि आगे क्या करना है. इसी दौरान उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है या परीक्षा के लिए उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है. इसके अलावा भविष्य की सभी परीक्षाओं/चयन प्रक्रियाओं से वंचित भी किया जा सकता है.

Tags: Civil Services, UPSC, Upsc exam

FIRST PUBLISHED :

August 2, 2024, 07:59 IST

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