डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से भारत में तमाम लोग बेहद खुश हैं. कूटनीतिक मामलों के जानकार भी इसे हिन्दुओं के लिए ‘दिवाली गिफ्ट’ बता रहे हैं. उनका दावा है कि ट्रंप चीन पर नकेल कसेंगे. पाकिस्तान को ठीक से रहने की नसीहत देंगे. यहां तक कि कनाडा के जस्टिन ट्रूडो को भी लाइन पर ले आएंगे. लेकिन अपने पहले कार्यकाल ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान को लेकर ऐसी बात कह दी थी, जिससे लगा था कि ट्रंप कान के कच्चे हैं.
बात, जुलाई 2019 की है. तब पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार थी. तब इमरान खान ने अमेरिका जाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी. तभी ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा किया था. ट्रंप ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में उनसे कहा था कि अमरीका को कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए. यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई थी. इस पर इतना हंगामा मचा कि भारत को सफाई तक देनी पड़ गई.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?
विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने इस तरह का कोई भी प्रस्ताव नहीं रखा था. लेकिन कुछ हफ्तों बाद ट्रंप ने फिर यही बात कह डाली. यहां तक कहा कि अगर मुझे इस समस्या का समाधान निकालने का मौका मिलता है, तो मुझे खुशी होगी. तब भी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान को खारिज कर दिया था.
डिप्लोमैट बोले-ट्रंप में धैर्य की कमी
एक पूर्व राजनयिक ने कहा, इन दोनों बयानों से साफ है कि ‘ट्रंप कान के कच्चे’ हैं. यह हो ही नहीं सकता कि पीएम मोदी कश्मीर पर मध्यस्थता की बात उनसे करें. तब इतिहास के बारे में उनकी समझ शायद कम थी और बिना पूरी जानकारी के यूं ही इमरान खान के सामने उन्होंने बोल दिया. उनमें इतना भी धैर्य नहीं था कि इसके बारे में डिटेल्स खंगाल लेते.
ट्रंप समर्थक क्या कहते हैं?
हालांकि, कई ट्रंप समर्थक उनकी इस सोच को अच्छे नजरिये से देखते हैं. ट्रंप के पूर्व खुफिया निदेशक और नए कार्यकाल में स्टेट सेक्रेटरी बनने जा रहे रिसर्च ग्रेनेल ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, पूर्वानुमान एक खतरनाक चीज है. कई बार आप पुरानी चीजों को लेकर बैठे रहते हैं और हल नहीं निकल पाता. लेकिन इसका दूसरा पक्ष भी है. हो सकता है कि इसी से कुछ हल निकल आए. हालांकि, ट्रंप के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता.
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FIRST PUBLISHED :
November 7, 2024, 18:14 IST