क्या नड्डा को रिप्लेस करेंगे खट्टर? जानिए इस सवाल पर क्या था उनका जवाब

5 hours ago

Last Updated:July 12, 2025, 14:59 IST

Bjp New President: मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी अध्यक्ष बनने के सवाल पर न हां कहा, न ना. उन्होंने कहा, "कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो". उनके जवाब में दिखी रणनीति, अनुभव और संगठन पर भरोसा.

क्या नड्डा को रिप्लेस करेंगे खट्टर? जानिए इस सवाल पर क्या था उनका जवाब

बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा जवाब दिया है. (फाइल फोटो PTI)

हाइलाइट्स

खट्टर बोले- "कर्म करो, फल की चिंता मत करो".जेपी नड्डा की जगह लेने पर सीधा जवाब नहीं.संगठन और अनुशासन पर जताया भरोसा.

Bjp New President: करनाल की सियासी फिज़ा शनिवार को उस वक्त और गरमा गई, जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी के भावी अध्यक्ष पद को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिसने दिल्ली के पार्टी मुख्यालय से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं तक में चर्चा तेज़ कर दी. सवाल सीधा था कि क्या वे जेपी नड्डा को रिप्लेस करने जा रहे हैं? और जवाब? बेहद सधा हुआ लेकिन उसी में छिपे थे संकेत, अनुभव और रणनीति के सारे सुर. खट्टर न तो इस संभावना से इनकार कर पाए और न ही सीधे स्वीकार किया. बल्कि उन्होंने अपने अंदाज में एक श्लोक बोलकर सब कुछ कह दिया… और शायद कुछ भी नहीं कहा.

दरअसल शनिवार को केंद्रीय मंत्री खट्टर करनाल जिले के दौरे पर थे. अपने लोकसभा क्षेत्र में उन्होंने सबसे पहले घरौंडा के रेस्ट हाउस में करीब दो घंटे बिताए, जहां उन्होंने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण से मुलाकात की. इसी दौरान जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वे बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, तो खट्टर मुस्कुराए और जवाब में बोले, “मैंने कल भी कहा था, कर्म की चिंता करो, फल की नहीं.” और फिर दोहराया संस्कृत का वही प्रसिद्ध श्लोक: “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन.”

न सीधे ‘हां’, न पूरी तरह ‘ना’… राजनीतिक संतुलन वाला जवाब
हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर उनका सीधा जवाब नहीं आया लेकिन खट्टर का जवाब ना भी नहीं था. उनका अंदाज यह दिखाता है कि वे फैसले को संगठन पर छोड़ चुके हैं और फिलहाल केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यभार को ही प्राथमिकता दे रहे हैं. लेकिन पार्टी में उनका अनुभव, संघ से जुड़ाव और शांत लेकिन निर्णायक छवि उन्हें संभावित अध्यक्ष पद के लिए मजबूत उम्मीदवार बनाती है. दिल्ली से लेकर हरियाणा तक उनकी सक्रियता भी इसी संभावना को बल देती है.

“कर्मण्येवाधिकारस्ते…” से सियासत के संकेत
और अब बात उस श्लोक की जिसे खट्टर ने बार-बार दोहराया… “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”. इसका मतलब है “तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल की चिंता मत करो.” यानी खट्टर संकेत दे रहे हैं कि वे सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे स्वीकार करेंगे. न उन्होंने दावेदारी ठोकी, न इनकार किया. लेकिन ये तय है कि अगर संगठन उन्हें आगे करता है तो वे तैयार हैं. और यही जवाब मौजूदा राजनीतिक माहौल में एक परिपक्व नेता की छवि को और निखार देता है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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