क्या पुतिन खुद को सिकंदर जैसा महसूस करते हैं? रूसी राष्ट्रपति ने कहा उन्हें चुना गया था लेकिन...

3 hours ago

Vladimir Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. यूक्रेन और रूस में सालों से जंग छिड़ी है. इस जंग को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके बावजूद भी स्थिति सामान्य नही हो रही है. इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पूछा गया कि क्या उन्हें अलेक्जेंडर (सिकंदर) जैसा महसूस होता है तो उन्होंने कहा कि अलेक्जेंडर प्रथम एक सम्राट थे और मैं एक राष्ट्रपति हूं जिसे जनता ने एक निश्चित कार्यकाल के लिए चुना है, यह बहुत बड़ा अंतर है. इसके अलावा क्या कुछ कहा जानते हैं. 

विरोधियों को दी चुनौती
Wion की रिपोर्ट के मुताबिक फोरम में अपने भाषण में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने देश के विरोधियों को चुनौती दी. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर कोई रूस से लड़ाई करना चाहता है, तो करे, यह मत सोचिए कि रूस कमज़ोरी या अनिर्णय दिखाएगा. इसके अलावा कहा कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब चीजें तेज़ी से बदल रही हैं, हमें किसी भी चीज के लिए तैयार रहना होगा. 

यूरोप पर रख रहे हैं नजर
उन्होंने स्पीच में आगे कहा कि हम यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण पर कड़ी नजर रख रहे हैं. रूस द्वारा जवाबी कार्रवाई में ज्यादा समय नहीं लगेगा, ऐसे खतरों का जवाब बहुत महत्वपूर्ण होगा. साथ ही कहा कि हम सुनते हैं और आप यह जानते हैं. जर्मनी में वे कहते हैं कि जर्मन सेना को एक बार फिर यूरोप में सबसे शक्तिशाली होना चाहिए. ठीक है, हम ध्यान से सुन रहे हैं, देख रहे हैं. इसका वास्तव में क्या मतलब है? मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि रूस की प्रतिक्रिया आने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा. इन धमकियों का जवाब, इसे हल्के ढंग से कहें तो, बहुत ही ठोस होगा. यह वास्तव में एक प्रतिक्रिया है, हमने खुद कभी सैन्य टकराव शुरू नहीं किया है.

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हम तुरंत देते हैं जवाब
साथ ही साथ कहा कि अगर कोई सैन्य क्षेत्र में हमसे प्रतिस्पर्धा करना चाहता है तो जैसा कि हम कहते हैं, स्वतंत्र इच्छा, उन्हें कोशिश करने दीजिए. रूस ने बार-बार साबित किया है कि जब हमारी सुरक्षा, हमारे नागरिकों की शांति और सौहार्द, हमारी संप्रभुता और हमारे राज्यत्व को कोई खतरा होता है, तो हम तुरंत जवाब देते हैं. हमें उकसाने की कोई जरूरत नहीं है, ऐसा कभी नहीं हुआ कि उकसाने वाले के लिए इसका अंत बुरा न हुआ हो. आखिर में कहा कि हमारे इतिहास ने साबित कर दिया है कि कमजोरी अस्वीकार्य है क्योंकि यह प्रलोभन पैदा करती है, यह भ्रम पैदा करती है कि हमारे साथ कुछ मुद्दे बलपूर्वक हल किए जा सकते हैं. रूस कभी भी कमजोरी या अनिर्णय नहीं दिखाएगा. 

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