Last Updated:July 12, 2025, 08:12 IST
Air India Plane Crash Explained: एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे की जांच में पाया गया कि टेकऑफ के बाद दोनों इंजन बंद हो गए थे. इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और जमीन पर मौजूद 33 लोगों की मौत हो...और पढ़ें

अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश के लिए विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच पर सवाल उठ रहे हैं. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
एयर इंडिया प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई.बताया गया कि दोनों इंजन टेकऑफ के 32 सेकंड बाद बंद हो गए.इस रिपोर्ट के बाद प्लेन के फ्यूल कंट्रोल स्विच पर सवाल उठे हैं.अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की शुरुआत रिपोर्ट में दावा किया गया कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही प्लेन के दोनों इंजन अचानक अपने आप बंद हो गए थे, जिससे प्लेन क्रैश होने की नौबत आ गई. AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने उड़ान भरते ही अपनी ताकत खो दी और उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद ही हादसे का शिकार हो गया. इस दौरान उड़ान भरने के बाद विमान सिर्फ 0.9 नॉटिकल मील यानी लगभग 1.6 किलोमीटर की दूरी तय कर पाया.
रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद प्लेन के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कट ऑफ’ मोड में कर दिए गए थे, जिससे इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया और पावर पूरी तरह खत्म हो गई. इसी वजह से यह विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ाने भरने के बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया. जिससे विमान में सवाल 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर 33 लोगों की जान चली गई थी.
तो चलिये जानते हैं ये फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या होते हैं, जिसे एयर इंडिया प्लेन क्रैश की वजह बताया जा रहा है…
क्या होते हैं फ्यूल कंट्रोल स्विच?
फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजनों में ईंधन की सप्लाई को कंट्रोल करते हैं. पायलट इनका उपयोग इंजन स्टार्ट या शटडाउन के लिए करते हैं. जमीन पर हो या उड़ान के दौरान किसी आपात स्थिति में इंजन बंद करने या फिर से शुरू करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं.
इन स्विचों की दो मुख्य स्थितियां होती हैं… ‘रन’ और ‘कटऑफ’.
‘रन’ स्थिति: जब स्विच ‘रन’ स्थिति में होता है, तो ईंधन इंजनों तक पहुंचता है, जिससे इंजन चालू रहते हैं और थ्रस्ट (जोर) उत्पन्न करते हैं. यह स्थिति उड़ान के दौरान सामान्य होती है.
‘कटऑफ’ स्थिति: जब स्विच ‘कटऑफ’ स्थिति में चला जाता है, तो इंजनों तक ईंधन की सप्लाई तुरंत बंद हो जाती है, जिससे इंजन बंद हो जाते हैं. यह आमतौर पर तब किया जाता है जब विमान अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है और इंजनों को बंद करना होता है, या आपातकालीन स्थिति में, जैसे कि इंजन में आग लगने पर.
बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच को खास तरीके से डिज़ाइन किया गया है, ताकि गलती से इन्हें हिलाया न जा सके. इनके चारों ओर ब्रैकेट्स और एक मेटल स्टॉप लॉक मैकेनिज्म होता है, जिसके लिए स्विच को पहले ऊपर उठाना पड़ता है और फिर ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में ले जाना पड़ता है. यह सुनिश्चित करता है कि अनजाने में स्विच बंद न हो. अगर विमान के किसी इंजन में आग लगती है, तब उस प्रभावित इंजन का स्विच लाल रंग में चमकता है, जो पायलटों को तुरंत चेतावनी देता है.
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी एविएशन सेफ्टी विशेषज्ञ जॉन कॉक्स बताते हैं, ये स्विच और उनसे जुड़े फ्यूल वॉल्व एक स्वतंत्र पावर सिस्टम और वायरिंग से जुड़े होते हैं. ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इन्हें गलती से हिलाना संभव नहीं है. इन्हें बदलने के लिए पायलट को पहले स्विच को ऊपर खींचना होता है, फिर ‘रन’ से ‘कटऑफ’ या ‘कटऑफ’ से ‘रन’ की ओर मोड़ना होता है.
हादसे के समय क्या हुआ था?
AAIB की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने 12 जून 2025 को 13:39 IST (08:08:42 UTC) पर अधिकतम 180 नॉट्स की रफ्तार हासिल की. इसके तुरंत बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए. इससे ईंधन की सप्लाई बंद हो गई. इसका नतीजा यह हुआ कि विमान की शक्ति खत्म हो गई और यह केवल 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचकर नीचे गिरने लगा.
एयर इंडिया के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज दोनों पायलटों की बातचीत से यही खुलासा हो रहा है. इसमें एक पायलट दूसरे से पूछते हुए सुना गया: ‘तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?’ जवाब में दूसरा पायलट कहता है… ‘मैंने कुछ नहीं किया.’
यह बातचीत दर्शाती है कि स्विच का बंद होना पायलटों की जानकारी के बिना हुआ, जिससे मानवीय चूक की संभावना पर सवाल उठते हैं. रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कौन कैप्टन था और कौन फर्स्ट ऑफिसर.
फिर इसके कुछ सेकंड बाद, दोनों फ्यूल स्विच ‘रन’ पोजीशन में लौट गए. यही स्थिति क्रैश साइट पर भी देखने को मिली. हालांकि, इस समय तक बहुत देर हो चुकी थी. रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसी भी इंजन का फ्यूल स्विच उड़ान के दौरान ‘कटऑफ’ से ‘रन’ में बदला जाए, तो इंजन का ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम दोबारा इग्निशन और थ्रस्ट रिकवरी सीक्वेंस शुरू कर देता है.
सवाल अब भी बरकरार
विशेषज्ञों का कहना है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच को गलती से बंद करना लगभग असंभव है, क्योंकि इसके लिए जानबूझकर स्विच को ऊपर उठाकर ‘कटऑफ’ स्थिति में ले जाना पड़ता है. अमेरिकी विमानन विशेषज्ञ जॉन कॉक्स कहते हैं, ‘आप इन्हें धक्का मारकर बंद नहीं कर सकते.’ इसके साथ ही वह कहते हैं कि ‘कोई भी पायलट उड़ान के दौरान, खासकर टेकऑफ के समय, ये स्विच कभी बंद नहीं करेगा.’
AAIB की रिपोर्ट इस बात पर चुप्पी साधे हुए है कि स्विच किसने और क्यों बंद किए, खासतौर पर जब दोनों पायलट दावा कर रहे हैं कि उन्होंने ऐसा नहीं किया. इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा और संचालन प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए अब ब्लैक बॉक्स के गहन विश्लेषण और संभावित तकनीकी या सिस्टम फेल्योर की जांच की जा रही है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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