खुद को कोर्ट से ऊपर समझते हैं, हम पॉवर दिखाएं... IAS अधिकारी को HC की फटकार

9 hours ago

Agency:एजेंसियां

Last Updated:July 10, 2025, 14:13 IST

Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई निगम आयुक्त पर कार्रवाई न करने और कोर्ट आदेशों की अनदेखी को लेकर नाराजगी जताई. कोर्ट ने पूछा- क्या IAS अधिकारी खुद को अदालत से ऊपर समझते हैं?

खुद को कोर्ट से ऊपर समझते हैं, हम पॉवर दिखाएं... IAS अधिकारी को HC की फटकार

मद्रास हाईकोर्ट ने IAS को लगाई फटकार.

हाइलाइट्स

कोर्ट आदेश न मानने पर निगम आयुक्त पर ₹1 लाख का जुर्माना लगा.हाईकोर्ट ने पूछा– क्या IAS अधिकारी खुद को अदालत से ऊपर मानते हैं?अफसर पर जानकारी न देने और गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप.

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि क्या IAS अफसर खुद को अदालत से ऊपर समझते हैं. कोर्ट ने यह बात बुधवार को उस समय कही जब ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (GCC) के कमिश्नर जे कुमारगुरुबरण पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने से जुड़ा मामला सुना जा रहा था.

कोर्ट ने 8 जुलाई को कमिश्नर पर इसलिए जुर्माना लगाया था क्योंकि उन्होंने अदालत के पुराने आदेशों के पालन में हुई चूक की सफाई देने के बजाय और वक्त मांगा था. कोर्ट ने आदेश दिया कि यह जुर्माना राशि कमिश्नर की सैलरी से काटकर मुंबई की ‘इंडियन कैंसर सोसायटी’ को दी जाए.

गलती किसकी थी, बहस कोर्ट में
बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जे रविंद्रन ने कहा कि गलत हलफनामा दायर करने की गलती सरकारी वकीलों की थी, कमिश्नर की नहीं. इस पर कोर्ट ने कहा कि भले ही गलती वकीलों की हो, कमिश्नर को हलफनामा साइन करने से पहले उसे पढ़ना तो चाहिए था. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो फिर उन्हें आईएएस अफसर रहने का हक नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई गुरुवार को तय की.

कोर्ट का आरोप: जानबूझकर जानकारी नहीं दी गई
यह मामला वकील एन. रुक्मांगंथन की याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कॉरपोरेशन ने 8 अप्रैल 2022 के कोर्ट आदेश के बावजूद ज़ोन 5 में गैरकानूनी निर्माण नहीं हटाया. कोर्ट ने माना कि कॉरपोरेशन का रवैया ऐसा लग रहा है जैसे वह नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई ही नहीं करना चाहता. कोर्ट ने कमिश्नर पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर कार्रवाई से जुड़ी जरूरी जानकारी नहीं दी.

कोर्ट से वादा, फिर भी जानकारी नहीं दी
कॉरपोरेशन की तरफ से वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वे एक हफ्ते के भीतर सारी जानकारी कोर्ट में पेश करेंगे और याचिकाकर्ता के वकील को सभी दस्तावेज देखने भी देंगे. लेकिन जब तय समय पर जानकारी नहीं दी गई, तो कोर्ट ने कमिश्नर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया.

Location :

Chennai,Tamil Nadu

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