Last Updated:October 23, 2025, 12:42 IST
Sagwan Farming Tips: मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में सागवान की नई किस्म तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह पौधा सिर्फ 5-6 साल में लकड़ी कटाई के लिए तैयार हो जाता है और एक एकड़ से लाखों रुपए की कमाई संभव है. (रिपोर्ट: सावन पाटिल)

भारत में खेती को अब सिर्फ अन्न उत्पादन का जरिया नहीं, बल्कि बेहतर कमाई का माध्यम भी माना जा रहा है. किसानों के बीच अब नई सोच उभर रही है “कम मेहनत, ज्यादा मुनाफा.” पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, मक्का और सोयाबीन से अब किसानों को पहले जितना मुनाफा नहीं मिल रहा.

ऐसे में कई किसान अब उन विकल्पों की तलाश में हैं, जो उन्हें कम समय में बड़ा रिटर्न दें. इसी दिशा में सागवान की एक नई किस्म किसानों के लिए “हरित एटीएम” बनकर उभरी है. मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र, खासकर खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और हरदा जिलों में इस सागवान की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

किसान पुत्र और प्रकृति प्रेमी बी.डी. सनखेरे बताते हैं कि यह पौधा एक बार लगाने के बाद वर्षों तक आमदनी का जरिया बन जाता है. उन्होंने बताया कि सागवान की यह उन्नत प्रजाति सिर्फ 5 से 6 साल में तैयार हो जाती है और एक पेड़ से करीब 15 से 25 हजार रुपए तक की कमाई हो सकती है.

सागवान की लकड़ी विश्व बाजार में अपनी मजबूती और टिकाऊपन के लिए मशहूर है. इसका उपयोग फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां और उच्च गुणवत्ता के घरेलू सजावटी सामानों में किया जाता है. यही कारण है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. सागवान की इस नई किस्म की खासियत यह है कि यह जल्दी बढ़ती है, कम पानी में भी पनप जाती है और कीटों से सुरक्षित रहती है.

किसान बी.डी. सनखेरे बताते हैं पहले लोग सोचते थे कि सागवान लगाने में 15-20 साल लगेंगे, लेकिन अब तकनीक और नई वैरायटी के चलते 5 साल में ही लकड़ी कटाई योग्य हो जाती है. कई किसानों ने अपने खेत के किनारे, मेड़ और खाली जगह में यह पौधे लगाए हैं और अब अच्छी कमाई कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि एक एकड़ में करीब 400 पौधे लगाए जा सकते हैं. यदि किसान इसका सही रखरखाव करें, तो 5 साल बाद एक एकड़ से 15 से 20 लाख रुपए तक की आमदनी संभव है. इसमें प्रारंभिक लागत लगभग 60 से 80 हजार रुपए आती है, लेकिन बाद में सिर्फ हल्की सिंचाई और निराई-गुड़ाई की जरूरत होती है.

इस पौधे की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. यह अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देता है और भूमि की उर्वरता को बनाए रखता है. सागवान की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि इस पेड़ को लगाने के बाद आसपास की फसलों की उत्पादकता भी बेहतर होती है.

विशेषज्ञों की मानें तो भारत में आने वाले समय में लकड़ी उद्योग तेजी से बढ़ेगा. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सागवान की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में किसानों के लिए यह एक दीर्घकालिक निवेश बन सकता है जो भविष्य में स्थायी आमदनी का जरिया साबित होगा.सागवान की खेती न केवल किसानों की आमदनी बढ़ा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभा रही है.
First Published :
October 23, 2025, 12:42 IST
खेतों में लगा दें यह जादूई पौधा, होगी छप्परफाड़ कमाई, घर बैठे बन जाएंगे लखपति