गंगा भी बन जाएगी सरस्वती, पानी के लिए तरसेंगे करोड़ों लोग

1 day ago

Last Updated:August 31, 2025, 07:16 IST

Gangotri Glacier System Survey: तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से कई सिस्‍टम में बदलाव स्‍पष्‍ट तौर पर दिखने लगा है. गंगोत्री ग्‍लेशियर पर भी इसका असर पड़ रहा है. एक नए स्‍टडी में ग्‍लेशियर के पिघलने को लेकर च...और पढ़ें

गंगा भी बन जाएगी सरस्वती, पानी के लिए तरसेंगे करोड़ों लोगगंगोत्री ग्‍लेशियर के पिघलने की रफ्तार तेज होने के संकेत मिले हैं. इससे भविष्‍य में गंगा जैसी नदियों के अस्‍त‍ित्‍व के लिए खतरा पैदा हो गया है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Gangotri Glacier System Survey: क्‍लाइमेट चेंज का असर पूरी दुनिया पर दिखने लगा है. आमलोगों पर इसका प्रभाव भी पड़ रहा है. अब हिमालय में गंगा के उद्गम स्‍थल गंगोत्री ग्‍लेशियर सिस्‍टम को लेकर किए गए एक नए स्‍टडी में डराने वाली बात सामने आई है. लब्‍बोलुआब यह है कि यदि इसपर कंट्रोल नहीं किया गया तो एक वक्‍त ऐसा आएगा जब गंगा जैसी अन्‍य नदियों का अस्तित्‍व खतरे में पड़ जाएगा और यह भी सरस्‍वती की तरह विलुप्‍त होने की कगार पर आ जएगी. यदि ऐसा होता है तो इससे लाखों-करोड़ों लोग प्रभावित होंगे. वे न केवल पानी के लिए तरसेंगे, बल्कि खेतीबारी भी संकट में पड़ जाएगा. वहीं, प्रयागराज के पवित्र संगम में सिर्फ एक नदी बचेगी. बता दें कि संगम में गंगा और यमुना के साथ ही सरस्‍वती (प्रतीकात्‍मक) नदियां मिलती हैं.

जलवायु परिवर्तन के बीच गंगोत्री ग्लेशियर सिस्‍टम (GGS) को लेकर किए गए एक महत्त्वपूर्ण अध्‍ययन ने संकेत दिए हैं कि इस क्षेत्र में बर्फ पहले की तुलना में जल्‍दी पिघलने लगी है. इससे न केवल गंगा की सहायक भागीरथी नदी के प्रवाह पर असर पड़ा है बल्कि जल संसाधन प्रबंधन की चुनौतियां भी बढ़ी हैं. यह अध्‍ययन Journal of the Indian Society of Remote Sensing में प्रकाशित हुआ है. इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (IIT) इंदौर, अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा और यूनिवर्सिटी ऑफ डेटन तथा काठमांडू स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है.

क्‍लाइमेट चेंज को रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो एक दिन ऐसा आएगा जब गंगा नदी ढूंढे नहीं मिलेगी.

क्‍यों महत्त्वपूर्ण है GGS

हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र की बर्फ और ग्‍लेशियर सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियों का प्रमुख जलस्रोत है. हाल के दशकों में इस क्षेत्र में तेजी से जलवायु परिवर्तन दर्ज किए गए हैं, जिन्‍होंने हिमनदों के पीछे हटने और जल प्रवाह चक्र में बदलाव को तेज किया है. अपेक्षाकृत छोटे आकार के कारण गंगोत्री ग्लेशियर सिस्‍टम जलविज्ञान और हिमनद विज्ञान के अध्‍ययन के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है.

अध्‍ययन में क्‍या निकला

रिसर्चर ने साल 1980 से 2020 तक के आंकड़ों को Spatial Processes in Hydrology (SPHY) मॉडल और Indian Monsoon Data Assimilation and Analysis (IMDAA) डाटासेट की मदद से जांचा परखा है.

अध्‍ययन में पाया गया कि गंगोत्री ग्लेशियर सिस्‍टम से सबसे ज्‍यादा जल प्रवाह जुलाई में होता है, जो औसतन 129 घन मीटर प्रति सेकंड तक पहुंचता है. 1980–2020 के बीच वार्षिक औसत प्रवाह 28±1.9 घन मीटर प्रति सेकंड आंका गया. इसमें सबसे ज्‍यादा योगदान हिमपिघल (64%) का था, इसके बाद ग्‍लेशियर मेल्‍ट (21%), वर्षा-रनऑफ (11%) और बेस फ्लो (4%) का. 1990 के बाद जल प्रवाह का पीक अगस्‍त से खिसककर जुलाई में आ गया, जिसका कारण सर्दियों की वर्षा में कमी और शुरुआती गर्मियों में पिघलने की रफ्तार बढ़ना बताया गया. अध्‍ययन के अनुसार वार्षिक तापमान में बढ़ोतरी हुई है, हालांकि वर्षा और ग्‍लेशियर मेल्‍ट में कोई विशेष रुझान नहीं दिखा.

बेस फ्लो में वृद्धि

अध्‍ययन के मुताबिक गंगोत्री क्षेत्र में वर्षा से होने वाले रनऑफ और बेस फ्लो में वृद्धि दर्ज की गई है, जो गर्मी से प्रेरित जलविज्ञान परिवर्तनों की ओर इशारा करता है. हाल के वर्षों में उत्‍तर भारत में मानसून अधिक तेज रहा है. इस वर्ष जून से अगस्‍त के बीच सामान्‍य से करीब 25% अधिक बारिश दर्ज की गई. उत्तराखंड, जम्‍मू और हिमाचल प्रदेश में कई बार अचानक आई बाढ़ को क्लाउडबर्स्ट कहकर बताया गया, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई.

मौसम के तेवर हो सकते हैं तल्‍ख

विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन भविष्‍य में ऐसे अत्‍यधिक वर्षा वाले घटनाक्रमों को बढ़ा सकता है. इसलिए इस तरह के अध्‍ययन यह बताने में मददगार हैं कि हिमनदों से पोषित नदी तंत्रों में जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण के लिए लगातार फील्‍ड मॉनिटरिंग और मॉडलिंग क्‍यों जरूरी है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 31, 2025, 07:10 IST

homenation

गंगा भी बन जाएगी सरस्वती, पानी के लिए तरसेंगे करोड़ों लोग

Read Full Article at Source