Last Updated:May 28, 2025, 14:00 IST
सूर्यनगरी जोधपुर में डिलीवरी बॉय अर्जुन का अनोखा जुगाड़ खूब वायरल हो रहा है. बाइक पर छत बनाकर धूप, बारिश और सर्दी से बचाव का ये अनोखा जुगाड़ तहलका मचा रहा है. इंटरनेट से सामान मंगवाकर खुद सेटअप कर ये जोरदार बाइक...और पढ़ें

अर्जुन ने अपनी मोटरसाइकिल पर कुछ हजार रुपये खर्च कर एक छत बनाई है
सूर्यनगरी जोधपुर में तपती धूप और भीषण गर्मी के बीच हर कोई राहत की तलाश में रहता है लेकिन उन मेहनती लोगों के लिए जो दिनभर सड़कों पर दौड़ते हैं, यह चुनौती और भी कठिन है. ऐसे में जोधपुर के एक डिलीवरी बॉय अर्जुन ने अपनी सूझबूझ और रचनात्मकता से एक ऐसा जुगाड़ तैयार किया है, जो न केवल उसे गर्मी से राहत देता है बल्कि शहर में चर्चा का विषय बन गया है. अर्जुन ने अपनी मोटरसाइकिल पर कुछ हजार रुपये खर्च कर एक छत बनाई है, जो धूप, बारिश और सर्दी से सुरक्षा प्रदान करती है. यह अनोखा आविष्कार न केवल उसकी मेहनत का प्रतीक है बल्कि उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा भी है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़ी समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करते हैं.
जोधपुर की तपती गर्मी में डिलीवरी बॉय का काम आसान नहीं है. सुबह से शाम तक सड़कों पर मोटरसाइकिल चलाते हुए ऑर्डर डिलीवर करना, तेज धूप में मोबाइल का इस्तेमाल करना और बारिश या सर्दी में भी काम जारी रखना उनके लिए रोजमर्रा की चुनौती है. अर्जुन, जो एक फूड डिलीवरी कंपनी के लिए काम करता है, ने इस समस्या का एक सस्ता और प्रभावी समाधान ढूंढ निकाला. उसने इंटरनेट की मदद से अपने जुगाड़ का आइडिया लिया और जरूरी सामान मंगवाकर खुद ही अपनी मोटरसाइकिल पर एक छत का सेटअप तैयार किया. इस छत को बनाने में उसने हल्के लेकिन मजबूत सामान का इस्तेमाल किया, जो मोटरसाइकिल की गति को प्रभावित न करे. यह छत न केवल धूप से बचाती है, बल्कि बारिश और सर्दी में भी आंशिक सुरक्षा प्रदान करती है.
काम हुआ आसान
अर्जुन की सूझबूझ यहीं नहीं रुकी. उसने मोटरसाइकिल पर एक मोबाइल स्टैंड भी लगाया ताकि डिलीवरी के दौरान लोकेशन ट्रैक करने में आसानी हो. तेज धूप में मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से वह गर्म होकर बंद हो सकता है लेकिन इस छत ने मोबाइल को भी धूप से बचाने में मदद की. अर्जुन ने बताया, “मैंने इंटरनेट पर कई वीडियो देखे और फिर अपने बजट में यह जुगाड़ बनाया. यह न सिर्फ मुझे राहत देता है बल्कि मेरा काम भी आसान करता है.” इस जुगाड़ को बनाने में उसने लगभग 3,000 से 5,000 रुपये खर्च किए, जो उसके लिए एक छोटा लेकिन प्रभावी निवेश साबित हुआ.
लोगों का खींच रहा ध्यान
यह अनोखा जुगाड़ अब जोधपुर की सड़कों पर लोगों का ध्यान खींच रहा है. राहगीर और अन्य डिलीवरी बॉय अर्जुन की मोटरसाइकिल को देखकर रुक जाते हैं और उससे इस जुगाड़ के बारे में पूछते हैं. उसकी मेहनत और रचनात्मकता की हर कोई तारीफ कर रहा है. स्थानीय निवासी राकेश शर्मा कहते हैं, “यह जुगाड़ दिखाता है कि अगर इरादा हो तो कम संसाधनों में भी बड़ी राहत पाई जा सकती है. अर्जुन ने न सिर्फ अपनी समस्या हल की बल्कि दूसरों के लिए भी एक मिसाल कायम की.”
बढ़ी है क्रिएटिविटी
जोधपुर, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, अब इस तरह के छोटे लेकिन प्रभावी नवाचारों के लिए भी चर्चा में है. भारत में जुगाड़ की परंपरा पुरानी है और अर्जुन जैसे लोग इसे आधुनिक समय में जीवंत रख रहे हैं. हाल के वर्षों में राजस्थान में कई ऐसे नवाचार देखने को मिले हैं, जैसे सौर ऊर्जा से चलने वाली बाइक या पानी की बचत करने वाले उपकरण. अर्जुन का यह जुगाड़ भी उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जो दिखाता है कि जरूरत और सूझबूझ मिलकर कैसे कमाल कर सकती है.
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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