पश्चिम मेदिनीपुर जिले का एक छोटा सा गांव, जैसे पूरी दुनिया से अलग, खुद में एक कला की दुनिया समेटे हुए है. यह गांव ‘चित्रों का गांव’ कहलाता है. यहां हर घर में एक या दो कलाकार रहते हैं. कहीं दीवारों पर चित्र बन रहे होते हैं, तो कहीं कागज पर कला का रूप उभरता है. यह गांव पूरी तरह से कला और चित्रकारी के रंगों में रंगा हुआ है.
सारा गांव एक चित्रकला का अद्भुत दृश्य
अगर आप इस गांव में एक बार घूमने निकलते हैं, तो आपका मन कुछ ही समय में प्रसन्न हो जाएगा. यहां के कलाकारों के सामने एक के बाद एक चित्र बनते देखना सचमुच चमत्कारी है. उनके हाथों में जैसे जादू है, हर चित्र में उनकी कला की विशेषता छिपी होती है. जैसे ही आप गांव में कदम रखते हैं, आपको ऐसा लगता है जैसे आप चित्रों की एक अद्भुत दुनिया में कदम रख चुके हैं. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पिंगला के नयाग्राम क्षेत्र को पॉट (चित्रकला) के गांव के रूप में पहचान मिली है. यहां के लगभग सौ कलाकार पॉट (चित्रकारी) के पेशे से जुड़े हुए हैं.
चित्रों का समाजिक और पौराणिक प्रभाव
नयाग्राम के इन चित्रकारों की कला केवल कागज पर ही नहीं, बल्कि घरों की दीवारों पर भी जादू की तरह फैल जाती है. उनका काम न केवल सामाजिक मुद्दों को दिखाता है, बल्कि पौराणिक कथाओं को भी जीवित करता है. पूरे गांव को ‘चित्रों का गांव’ के रूप में सजाया गया है. पिंगला के नयाग्राम में रहने वाले पॉट कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्र पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. यहां के चित्रों की न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी बहुत मांग है. समय के साथ इन कलाकारों की प्रसिद्धि बढ़ी है, और उनका काम कला की दुनिया में एक विशेष स्थान बना चुका है.
पर्यटकों का आकर्षण और गांव की विशेषता
यहां का माहौल पर्यटकों के लिए किसी जादू से कम नहीं है. गांव में हर रोज़ सैकड़ों पर्यटक आते हैं और इस गांव के अद्भुत दृश्य को अपने कैमरे में कैद करते हैं. गांव का हर कोना मन को शांति और सुकून देता है. इस जगह की खूबसूरती और कलाकारों की कला ने इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बना दिया है. अगर आप चित्रकला के शौकीन हैं और तस्वीरें खींचने का शौक रखते हैं, तो पिंगला का नयाग्राम आपके लिए एक आदर्श स्थान होगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 11, 2024, 14:48 IST