गाजा पीस समिट से एक दिन पहले मिस्र में कार हादसा, कतर के 3 राजनयिकों की मौत

5 hours ago

Qatari Diplomats killed in Egypt Car Crash: मिस्र के रेड सी स्थित रिसॉर्ट सिटी शर्म अल-शेख (Sharm el-Sheikh) के पास एक कार हादसे में कतर के 3 राजनयिकों की मौत हो गई और 2 घायल हो गए. ये घटना गाजा सीजफायर पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी से एक दिन पहले हुई. 2 सुरक्षा सूत्रों ने रविवार 12 अक्टूबर को रॉयटर्स को बताया कि राजनयिकों की कार शहर से तकरीबन 50 किलोमीटर (31 मील) दूर एक मोड़ पर पलट गई.

कब है गाजा पीस समिट?
ये साफ नहीं है कि ये राजनयिक कतर की नेगोशिएटिंग टीम का हिस्सा थे या नहीं, जिसने शर्म अल शेख में मिस्र के अधिकारियों के साथ मिलकर इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान (Donald Trump’s Gaza plan) के पहले फेज पर इजरायल और हमास के बीच एक शुरुआती समझौते में मध्यस्थता करने में मदद की थी. गाजा में संघर्ष को समाप्त करने के मकसद से एक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार 13 अक्टूबर को शहर में एक ग्लोबल समिट आयोजित किया जाएगा.

ट्रंप भी होंगे शामिल
13 अक्टूबर 2025 को गाजा शांति शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah el-Sisi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) मिलकर करेंगे. शनिवार को जारी राष्ट्रपति के एक बयान के मुताबिक, इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता शामिल होंगे.

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जंग खत्म करने का मकसद
बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन का मकसद गाजा में जंग को खत्म करना, मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की कोशिशों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करना है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि ये शिखर सम्मेलन इलाके में शांति कायम करने के राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिये और ग्लोबल कॉन्फ्लिक्ट को हल करने की उनकी लगातार कोशिशों के तहत है.

शांति समझौते में कतर का क्या क्या रोल रहा?
कतर ने इजराइल और हमास के बीच शांति की कोशिशों में अहम मिडिएटर का रोल निभाया है. कतर लंबे वक्त से गाजा पट्टी में हमास से कम्यूनिकेश बनाए रखता है और मानवीय सहायता के जरिये वहां के हालात सुधारने की कोशिश करता रहा है. जब इजराइल और हमास के बीच टेंशन बढ़ी तब कतर ने मिस्र और अमेरिका के साथ मिलकर सीजफायर और बंधकों की रिहाई पर बातचीत में अहम भूमिका निभाई. दोहा में कई बार सीक्रेट टॉक्स हुए, जिनके जरिये अस्थायी युद्धविराम और ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर खोलने पर सहमति बनी. कतर ने न सिर्फ दोनों पक्षों के बीच संपर्क बनाए रखा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और राजनयिक संतुलन के जरिए वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद की. कतर की ये कोशिश मिडिल-ईस्ट में उसकी ‘शांतिदूत’ छवि को और मजबूत करता है.

(सोर्स-रॉयटर्स)

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