Last Updated:August 10, 2025, 13:59 IST
FII vs DII Investment : विदेशी निवेशकों ने टैरिफ और कमजोर रुपये के कारण गिरते भारतीय बाजार से लगातार निकासी की और 2025 में अब तक करीब सवा लाख करोड़ रुपये निकाल लिए. इसके उलट घरेलू निवेशकों ने रिकॉर्ड 4.30 लाख क...और पढ़ें

नई दिल्ली. कहावत है कि मुसीबत में अपने ही काम आते हैं. बात चाहे घर-परिवार की हो या बाजार की, आज भी यह कहावत सोलह आने सच बैठती है. साल 2025 की शुरुआत से ही भारतीय शेयर बाजार कई तरह की मुश्किलों से घिर गया है. सबसे बड़ी समस्या तो अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खड़ी की और भारत पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा दिया. इससे घबराए विदेशी निवेशकों ने साल 2025 में अब 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा की पूंजी भारतीय बाजार से निकाल ली. हालांकि, मुसीबत की इस घड़ी में भी घरेलू निवेशकों ने 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा की पूंजी डालकर बाजार को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा है.
अमेरिका के साथ व्यापार तनाव, पहली तिमाही में कंपनियों के कमजोर नतीजों और रुपये की कीमत में गिरावट की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त महीने के शुरुआती 8 दिनों में ही भारतीय शेयर बाजार से करीब 18,000 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. इसके साथ ही वर्ष 2025 में अब तक एफपीआई की कुल इक्विटी निकासी 1.13 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है. यह पिछले कुछ साल के मुकाबले काफी बड़ी निकासी है.
क्या है एफपीआई की बेरुखी का कारण
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में सह निदेशक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि हालिया निकासी का मुख्य कारण भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता व्यापार तनाव, कमजोर तिमाही नतीजे और रुपये में आई कमजोरी है. जुलाई के अंत में ही अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा कर दी थी. पिछले सप्ताह उसने अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी लगा दिया जिससे बाजारों में घबराहट और बिकवाली का माहौल बन गया.
विदेशी निवेशकों में असमंजस
ब्रोकरेज फर्म एंजल वन के वरिष्ठ विश्लेषक वकार जावेद खान ने कहा कि इस स्थिति ने एफपीआई की धारणा को झटका दिया और निवेशकों ने जोखिम से दूर रहने की रणनीति अपनाई. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से भी विदेशी पूंजी अमेरिका की ओर प्रवाहित हो रही है. हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने 3,432 करोड़ रुपये सामान्य ऋण सीमा में और 58 करोड़ रुपये स्वैच्छिक अवधि निवेश मार्ग (वीआरआर) में निवेश किया. आगे भी एफपीआई का रुझान कमजोर बना रह सकता है.
घरेलू निवेशकों का रिकॉर्ड निवेश
विदेशी निवेशकों ने जहां भारतीय बाजार से लगातार निकासी की है, वहीं भारतीय निवेशकों ने इस साल रिकॉर्ड पैसे डाले हैं. 2025 की पहली छमाही में ही घरेलू निवेशकों ने बाजार में 3.57 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि जुलाई महीने में ही 70 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं. इस तरह देखा जाए तो जनवरी से जुलाई तक घरेलू निवेशकों ने कुल करीब 4.30 लाख करोड़ रुपये इक्विटी बाजार में लगाए हैं.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 10, 2025, 13:59 IST