नई दिल्ली. सर्दियां आ गई हैं और अब बर्फबारी का सिलसिला कश्मीर में शुरू होने वाला है. शुरुआत नॉर्थ पीर पंजाल से होगी और ये समय होता है जब बर्फबारी से घुसपैठ के रूट बंद हो जाते हैं. लिहाजा पाकिस्तान की तरफ से जम्मू के इलाके से घुसपैठ की कोशिशों में इजाफा होने लगता है. अगर घुसपैठ सफल हुई तो फिर सेना के काफिलों पर हमलों का सिलसिला तेज हो जाता है. पिछले कुछ महीनों में जम्मू के इलाके में हुए आतंकी हमले फिर से सुरक्षाबलों के लिए परेशानी का सबब बन गए. लिहाजा ये आगे ना हो उसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए थलसेना प्रमुख न सिर्फ वेस्टर्न कमांड के हेडक्वार्टर पहुंचे बल्कि फारवर्ड एरिया में सेना के विंटर प्लान की तैयारियों की समीक्षा की.
सबसे पहले सेना प्रमुख सेना के वेस्टर्न कमांड के हेडक्वार्टर चंडी मंदिर पहुंचे. जहां थलसेना प्रमुख को वेस्टर्न आर्मी कमांडर ने मौजूदा हालात और तैयारियों पर जानकारी दी. जिसमें ऑपेरशन, लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग और एडमिनिस्ट्रेशन संबंधी तैयारियों की जानकारियां शामिल थीं. उसके बाद थलसेना प्रमुख ने कठुआ और पठानकोट के फॉरवर्ड एरिया का दौरा किया. जहां उन्होंने तैयारियों की समीक्षा की. थलसेना प्रमुख ने भारतीय सेना की तैयारियों की सराहना की. लागातार नई तकनीक से सेना खुद को मजबूत कर रही है. उन्होंने वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को ग्लोबल जियोपॉलेटिक्स के बारे में अच्छी तरह से अपडेट रहने के लिए कहा. जिससे विरोधियों से बढ़ते खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना की तैयारी को लगातार मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया.
जम्मू का इलाका बेहद संवेदनशील
पिछले कुछ साल में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है. खास तौर पर जम्मू के इलाके में सेना के काफिलों पर आतंकी हमले बढ़े हैं. जम्मू के सेना के कमान के हिसाब से बात करें तो जम्मू सेना के दो कमान- नॉर्दर्न और वेस्टर्न कमान के अधिकार क्षेत्र में आता है. जिसमें सेना का 16 कोर और 9 कोर शामिल हैं. 16 कोर नॉर्दर्न कमॉड में आता है, तो 9 कोर वेस्टर्न कमांड में आता है, जो कि पाकिस्तानी इंटरनेशनल बॉर्डर से लगता है. आरएसपुरा, कठुआ, सांबा, हीरानगर- ये कुछ जगहें हैं जहां बड़ी तादाद में आतंकी वारदात, घुसपैठ की खबरें सर्दियों में शुरू हो जाती हैं.
इंटरनेशनल बॉर्डर पर टनल के जरिये घुसपैठ
आने वाले दो- तीन महीने में जब कश्मीर के सभी घुसपैठ के रास्ते बर्फबारी से बंद हो जाएंगे, तो पाकिस्तान आतंकियों को इसी जम्मू के LOC और इंटरनेशनल बॉर्डर के रास्ते ही घुसपैठ की कोशिशें करता है. अखनूर के बाद से इंटरनेशनल बॉर्डर शुरू होता है. पिछले महीने सेना की एंबुलेंस पर हुए आतंकी हमले की घटना के बाद सेना के अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तानी लॉंचपैड पर 50 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ की तैयारी में है. इसके अलावा वेस्टर्न कमांड का पाकिस्तान से लगता इलाका सांबा से पंजाब के गुरदासपुर तक जाता है. इंटरनेशनल बॉर्डर की जिम्मेदारी बीएसफ की है. हाल्कि इस कमान में इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से बड़ी संख्या में ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भारत में भेजने की कोशिश लगातार की जा रही है. सांबा में तो इंटरनेशनल बॉर्डर पर सबसे ज्यादा टनल के जरिए घुसपैठ की कोशिश होती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 8, 2024, 22:10 IST