चमत्कार: आसमान में हुआ विमान में धमाका, 33 हजार फीट से गिरी लड़की जब जिंदा बच गई

16 hours ago

Plane Crash survivor Miraculous Story: अहमदाबाद में क्रैश हुई एयर इंडिया की फ्लाइट में जिंदा बच निकले विश्वास कुमार रमेश की कहानी सबकी जुबान है. आखिर प्लेन में धमाके के साथ सवा दो लाख लीटर तेल में लगी आग से उठी ऊंची लपटों से वो जिंदा कैसे बच गए. लेकिन ऐसा ही चमत्कार 53 साल पहले हुआ था, जब जैट युगोस्लाव एयरलाइंस की फ्लाइट 367 26 जनवरी 1972 को हवा में क्रैश हो गई. ये प्लेन स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से कोपेनहेगेन होते हुए बेलग्रेड जा रहा था, लेकिन चेकोस्लोवाकिया के आसमान में ये धमाके के साथ फट गया.माना जाता है कि विमान में क्रोएशियाई आतंकियों ने बम रखा था, जो फट गया. विमान में 23 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य थे. 

22 साल की वेस्ना वुलोविक भी उन तीन फ्लाइट अटेंडेंट में थी, जो स्वीडन में पायलट-सह पायलट के साथ प्लेन में चढ़ी थी.जब 33 हजार फीट की ऊंचाई पर विमान फटा तो वेस्ना पिछले हिस्से में थी. एयरक्राफ्ट की टेल यानी पीछे के हिस्से में रखे खाने पीने के सामान के साथ वो तेज रफ्तार के साथ नीचे आकर गिरी, लेकिन खुशकिस्मती से वो हिस्सा पेड़ों और मोटी बर्फ की चादरों के बीच अटक गया और वो जिंदा बच गया. बिना पैराशूट के इतनी ऊंचाई से किसी शख्स के नीचे गिरने और जिंदा बचने की ये दुर्लभ घटना थी.

वो नीचे गिरते ही चिल्लाई तो लोग बचाने दौड़े.सिर में फ्रैक्चर, रिब्स टूटने के साथ उसके पैरों की हड्डियां भी टूट गई थीं. वो कोमा में चली गई और शरीर के निचले हिस्से से चलने फिरने काबिल नहीं रही. लेकिन अदम्य साहस के बलबूते वो दोबारा चलने लगी और एयरलाइन में काम पर भी लौटी. वेस्ना की कहानी  गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज है कि इतनी ऊंचाई से बिना पैराशूट के कूदा शख्स जिंदा बच गया. न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में वेस्ना ने कहा था कि मेरा पूरा शरीर टूट गया था, जिसे डॉक्टरों ने जोड़ा. लेकिन उसे विमान से गिरने और अस्पताल के बीच की बातें याद नहीं रहीं.लेकिन इससे प्लेन में बैठने को लेकर उसके मन में कोई डर नहीं था और उसने बाद में कई बार विमान यात्रा की. 2016 में 66 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई.

गुजरात में 12 जून दोपहर 1.38 बजे एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान फ्लाइट AI 171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ मिनटों में ही क्रैश हो गई थी. टेकऑफ के कुछ सेकेंडों के बाद ये फ्लाइट तेजी से नीचे आने लगी. एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर दूर मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर ये विमान जाकर गिरा और सवा दो लाख लीटर तेल भरे होने के कारण धमाके के साथ फट गई. इसमें 241 यात्री मारे गए, लेकिन 11ए सीट पर बैठे रमेश विमान के इमरजेंसी गेट के निकट बैठे होने के कारण बच गए. इमरजेंसी गेट खुलने के कारण वो समय रहते उससे बाहर निकल गए. 

Read Full Article at Source