Last Updated:July 24, 2025, 08:08 IST
India-China Relation: भारत ने न्योमा एयरफील्ड को LAC के पास चालू किया, जिससे चीन की फौज चिंतित है. यह एयरफील्ड 13,710 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सैन्य गतिविधियों को तेज करेगा.

हाइलाइट्स
भारत ने न्योमा एयरफील्ड को पूरी तरह चालू किया.न्योमा एयरफील्ड LAC से 35 किलोमीटर दूर स्थित है.यह एयरफील्ड 13,710 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.India-China Relation: भारत और चीन बीते कुछ समय से अपने रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी शुरुआत बीते साल रूस में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत से हुई थी. उसके बाद से लगातार शीर्ष स्तर पर संपर्कों का दौर जारी है. इसी बातचीत की बदौलत चीन के क्षेत्र से मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है. अब दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने और जनता से जनता के स्तर पर संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया गया है. हाल के वर्षों में रिश्तों में यह तनाव वर्ष 2000 में गलवान में घटी घटना के बाद आया था.
लेकिन, रिश्तों को सामान्य करने के साथ-साथ ऐसा नहीं है कि भारत अपनी सैन्य तैयारी को नजरअंदाज कर रहा है. राजनयिक और कूटनीतिक स्तर पर चीन के साथ रिश्ते बेहतर करने की चल रही कोशिशों के बीच भारत ने लद्दाख क्षेत्र में LAC के पास एक बड़ा कारनाम किया है. इस कारनामे को देखकर पड़ोसी डैगन की फौज दिन में तारे गिनने लगी है. दरअसल, चीन से लगे क्षेत्र में भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. पूर्वी लद्दाख में स्थित न्योमा एयरफील्ड को इस साल अक्टूबर तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा. न्योमा समुद्र तल से 13,710 फीट की ऊंचाई पर है. यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्डों में से एक है.
एलएसी पर भारत को मिलेगी ताकत
यह परियोजना भारत-चीन सीमा (LAC) के पास रणनीतिक बढ़त दिलाएगी. यह क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों को तेज करने में मदद करेगी. बीआरओ ने लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. यहां की मूल हवाई पट्टी को 2.7 किलोमीटर की रिजीड पेवमेंट रनवे में तब्दील किया गया है. यहां डिस्पर्सल क्षेत्र और टर्निंग पैड्स जैसे आधुनिक सुविधाएं बनाए गए हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां बुनियादी ढांचे जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) परिसर, हैंगर, क्रैश बे, वॉच टावर और आवास सुविधाएं भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. यह एयरफील्ड भारी परिवहन विमानों और लड़ाकू जेट्स के लिए पूरी तरह परफेक्ट है. यहां दोनों दिशाओं से फ्लाइट लैंड और टेकऑफ कर सकती है. इससे एलओसी के पास तैनात सैनिकों तक बहुत कम समय में जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकेंगी.
LAC से लगभग 35 किलोमीटर दूर है न्योमा
न्योमा एयरफील्ड LAC से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है और यह भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए लद्दाख में लेह, कारगिल, और थोइस एयरफील्ड्स के बाद एक और अहम बेस होगा. इससे पहले 1962 में बनाया गया यह एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALG) बेकार पड़ा था, लेकिन 2009 में इसे फिर से सक्रिय किया गया. जब एक An-32 विमान ने यहां लैंडिंग की थी. अब इसकी पूर्ण क्षमता के साथ शुरुआत सेना की तैयारियों को नई ताकत देगी, खासकर तब जब चीन ने पिछले पांच वर्षों में LAC के साथ अपने हवाई अड्डों को मजबूत किया है.
एलएसी के पार चीनी ने होटन, काशगर, शिगात्से, बांग्डा, निंगची और होपिंग जैसे एयरफील्ड्स पर नए रनवे, कड़े शेल्टर और गोला-बारूद भंडारण की सुविधाएं विकसित की है. इसके अलावा हेलीपोर्ट्स और सैन्य बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान दिया गया है. भारत इस न्योमा एयरफील्ड को एक फॉरवर्ड स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में उपयोग करने की योजना बना रहा है, जो 2026 के शुरू तक लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए भी तैयार हो जाएगा.
ऊंचाई और दुर्गम इलाका इस परियोजना के लिए चुनौती बना हुआ है. दुर्लभ हवा और कम ऑक्सीजन के कारण विमानों की ईंधन और हथियार ले जाने की क्षमता पर असर पड़ सकता है. फिर भी BRO ने इस चुनौती को पार करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया है. वर्तमान में रनवे का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है और इसे आपात स्थिति में सभी प्रकार के विमानों के लिए उपयोग के लिए तैयार माना जा रहा है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
और पढ़ें